आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा शासित एमसीडी एक के बाद एक सभी स्कूलों को बेच रही है। ‘आप’ विधायक विशेष रवि ने कहा कि करोलबाग के कई स्कूलों को बेचने के बाद एमसीडी ने एक और प्रार्थमिक स्कूल पर ताला लगाने का प्रस्ताव निकाला है। एमसीडी सभी बच्चों को 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित स्कूल में भेजने की तैयारी कर रही है। इसकी पुष्टि खुद स्कूल के प्रिंसिपल ने की है। एमसीडी स्कूल की ज़मीन को प्राइवेट बिल्डर को बेचने की तैयारी में है। विशेष रवि ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी बताए कि वह गरीब और दलित परिवारों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार क्यों छीन रही है?
आम आदमी पार्टी से करोल बाग के विधायक विशेष रवि ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विशेष रवि ने कहा कि पिछले 2 महीनों से लगातार हम आपको एमसीडी के स्कूलों के बारे में बताते आ रहे हैं। विशेषकर करोलबाग में एमसीडी ने कई स्कूल बेचकर वहां पार्किंग बनाने का ठेका दे दिया। एक पूषा रोड के स्कूल के बारे में बताया था। उसकी आधी ज़मीन को बेचकर वहां पार्किंग प्रॉजेक्ट लाया जा रहा है। आज हम आपको तीसरी घटना के बारे में बताने के लिए उपस्थित हुए हैं।
करोलबाग में टैंक रोड के पास आनंदपुरी खान के नाम से एक जगह है, वहां पर एमसीडी का एक प्रार्थमिक विद्यालय है। यह विद्यालय लगभग 60 वर्ष पुराना है। यह एक कोयड स्कूल है, जहां लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं। यह स्कूल 2 शिफ्ट में चलता है। दोनों शिफ्टों को मिलाकर यहां लगभग 250-300 बच्चे पढ़ते हैं। 7 फरवरी को एमसीडी के विभाग ने अचानक एक आदेश निकाला। उन्होंने कहा कि इस स्कूल को जल्द ही हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को यहां से लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर शिव मंदिर के पास स्थित स्कूल में ट्रांसफर कर देंगे।
इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और उनके परिजन कल हमारे कार्यालय में आए थे। उन्होंने हमें एमसीडी के इस आदेश की जानकारी दी। सभी बच्चे कल जब स्कूल पहुंचे तो उन्हें अचानक बताया गया कि आगे से आपको इस स्कूल में नहीं आना है। आपको दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा। इसके बाद हमने स्कूल के प्रधानाचार्य से बात कर इसकी पुष्टि की। उन्होंने इस जानकारी को सत्य बताया है। परिजनों का यह भी आरोप है कि चूंकि टैंक रोड एक कॉमर्शियल क्षेत्र है। वहां बहुत महंगी-महंगी दुकाने हैं, एमसीडी स्कूल को बंद करके उसकी ज़मीन को किसी प्राइवेट बिल्डर को बेचेगी। जिससे वहां पर शॉपिंग कॉमप्लेक्स बनाया जा सके।
यह एक शर्मनाक घटना है कि एमसीडी एक के बाद एक अपने सभी विद्यालयों में ताला लगा रही है। यह जो स्कूल है, इसके आसपास 100% आबादी गरीब परिवारों और दलितों की है। ऐसे परिवार बहुत मुश्किल से बच्चों को स्कूल भेज पाते हैं। आसपास अन्य स्कूल भी नहीं है, जहां वह अपने बच्चों को आसानी से भेज सकें। और जो प्राइवेट स्कूल हैं, उनकी फीस अधिक होने के कारण वह अपने बच्चों को वहां पढ़ाने में असमर्थ हैं। भाजपा शासित एमसीडी ने उन्हें 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित स्कूल में भेजने की बात है, जहां पहुंचना उनके लिए आसान नहीं रहेगा। ऐसे में कोई परिवार अपने बच्चे को वहां भेजने के लिए तैयार नहीं होगा।
मैं भाजपा शासित एमसीडी से पूछना चाहता हूं कि आप गरीब और दलित परिवारों के बच्चों से शिक्षा का अधिकार क्यों छीन रहे हैं? आप गरीबों के बीच बने हुए लगभग 60 वर्ष पुराने स्कूल को अचानक क्यों बंद कर रहे हैं? आप जानते हैं कि प्रार्थमिक विद्यालयों में 4-7 की उम्र के बच्चे पढ़ने आते हैं। परिजन यह चाहते हैं कि उनका बच्चा नज़दीक में रहकर पढ़े। जिससे उसे आने-जाने में कोई परेशानी ना हो। अगर उन बच्चों को 2 किलोमीटर की दूरी पर पढ़ने जाना पड़ेगा, तो वह वहां कैसे जाएगा। तो एमसीडी का यह कदम हर लिहाज से गलत है। हम इसका विरोध करते हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल से हमारी प्रार्थना है कि वह इसका संज्ञान लें। निगम एक के बाद एक सभी स्कूल बंद कर रही है। उनकी ज़मीनों को बेच रही है