“यूनिफिकेशन अगर होता है तो यह बहुत अच्छी चीज है क्योंकि इससे क्या होगा कि सारे फंड एमसीडी को मिला करेंगे। सेंटर से सीधा पैसा आएगा तब हम काम कर पाएंगे।”
“सेंटर से सीधा फण्ड आएगा”…यह कहना है दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर का। आज से ठीक 5 साल पहले दिल्ली नगर निगम चुनाव के वक्त यही बयान दिल्ली भाजपा के उस समय के प्रदेश अध्यक्ष व मौजूदा भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिया था। यही नहीं सेंटर से डायरेक्ट नगर निगम को फंड पहुंचाने की बात दिल्ली भाजपा ने 2017 नगर निगम चुनाव के मेनिफेस्टो में भी की थी।
दिल्ली मैं बैठी आम आदमी पार्टी सरकार व नगर निगम में बैठी भाजपा सरकार दोनों के बीच आपसी कलह का शिकार नगर निगम के कर्मचारियों को लगातार होना पड़ रहा है।ऐसा इसलिए क्योंकि फंड को लेकर लगातार दोनों के बीच खींचतान चलती आ रही है।
2017 से पहले भी नगर निगम में आने वाले फंड को लेकर यही हालात थे। इस हालात से उभरने की बात को रखते हुए मनोज तिवारी ने कहा था कि यदि 2017 के दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की सरकार बनती है तो वह डायरेक्ट फंड सेंटर से निगम को दिलवाएंगे।
मनोज तिवारी के इस बात पर भरोसा करते हुए दिल्ली की जनता ने एक बार फिर से दिल्ली नगर निगम की कमान भाजपा के हाथ में सौंपी थी।लेकिन फंड का रोना आजतक बरकरार है। साथ ही सेंटर से फंड लाने को लेकर भाजपा के किसी भी नेता के पास कोई जवाब नहीं है।
अब दिल्ली में एकबार फिर से नगर निगम चुनाव हैं। ऐसे में भाजपा से सांसद गौतम गंभीर के इस बयान पर जनता भरोसा करेंगी या नहीं यह कह पाना मुश्किल है। जनता और निगमकर्मियों का भाजपा नेताओं से यही सवाल है कि जब यह काम पिछले 5 साल में नहीं हुआ तो अब आगे कैसे होगा??