दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज गाजीपुर क्षेत्र लैंडफिल साइट का दौरा किया। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तीन दिनों के भीतर गाजीपुर, भलस्वा व ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े के निस्तारण की कार्य योजना प्रस्तुत करें।
एलजी ने निर्देश दिया कि अधिकारियों की एक टीम बनाई जाए जो इस कार्ययोजना पर काम करें और समयबद्ध रूप से कूड़ा निस्तारण की निगरानी करें। दिल्ली नगर निगम द्वारा पेश कार्ययोजना की निगरानी स्वयं उपराज्यपाल करेंगे और अगर जरूरत महसूस हुई तो उपराज्यपाल लैंडफिल साइट का दौरा कर कार्य की प्रगति को जानेंगे।
साप्ताहिक आधार पर कार्य की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल सचिवालय में एक विशेष सेल भी बनाया जाएगा। उपराज्यपाल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगभग दो घंटे घूमकर निरीक्षण किया।
मालूम हो कि गाजीपुर लैंडफिल साइट 70 एकड़ में फैली है और यहां करीब 140 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा है। पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से प्रतिदिन 2600 मीट्रिक टन कूड़ा उत्सर्जित होता है। वहीं, भलस्वा लैंडफिल साइट पर करीब 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा है और ओखला लैंडफिल साइट पर 50 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा हुआ है।
लैंडफिल साइट पर तीन तरह का कूड़ा है रिफ्यूज डेराइव्ड फ्यूल (आरएफडी), कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट व इनर्ट मैटेरियल। आरएफडी वेस्ट का प्रयोग वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में बिजली बनाने में हो रहा है, वहीं, इनर्ट मैटेरियल का सीमित मात्रा में इस्तेमाल एनएचएआई द्वारा सड़क निर्माण में किया जा रहा है। सीएंडडी वेस्ट का इस्तेमाल निर्माण संबंधी गतिविधियों में किया जा रहा है।
इनर्ट मैटेरियल की समस्या को लेकर उपराज्यपाल महोदय ने निर्देश दिए कि एनएचएआई की तरह ही अन्य राज्यों में इस सामग्री की आपूर्ति की संभावनाओं को तलाशा जाए। वहीं. सीएंडडी वेस्ट को आम लोगों, बिल्डरों, और निर्माण एजेंसियों को देने के बारे में भी सोचना चाहिए।
उपराज्यपाल ने लैंडफिल साइट पर चल रहे बायो-रेमेडिएशन के कार्य का भी जायजा लिया। उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि कूड़े के खिलाफ अभियान में दिल्ली की जनता, एनजीओ, कूड़ा बीनने वालो और नागरिक समूहों को शामिल करने की जरूरत है ताकि दिल्ली को स्वच्छ व हरित शहर बनाया जा सके और कूड़े के पहाड़ से मुक्ति पा सके।
इस दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव, नरेश कुमार, दिल्ली नगर निगम के विशेष अधिकारी, अश्विनी कुमार, निगमायुक्त, ज्ञानेश भारती, और चीफ फॉरेस्ट कंजेरवेटर, ईश्वर सिंह, निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।