बजाते रहो न्यूज़ , श्रावणी मिश्रा भूपति
बीते 18 महीनों से अपनी सैलरी की मांग को लेकर जूझ रहे हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारियों के लिए बजाते रहो न्यूज़ अब तक की सबसे बड़ी और बेहतरीन खबर लेकर आया है।
निगम के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो सैलरी का मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि निगम प्रशासन इस विषय को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रहा है। हालांकि इस मामले को लेकर हरदयाल लाइब्रेरी की सचिव पूनम पाराशर झा की ओर से किसी भी तरह के प्रयास की बात को हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारियों ने सिरे से नकार दिया। उनका यही कहना है कि जब से पूनम पाराशर झा ने सीट संभाली है तब से लेकर अब तक कर्मचारियों के हित में कोई बात नहीं की गई ।
निगम के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो हरदयाल लाइब्रेरी के कर्मचारियों की तनख्वाह को लेकर एक बड़ा फैसला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक सभी कर्मचारियों को 2 महीने की तनख्वाह जल्द जारी करने की बात की जा रही है।यह तनख्वाह अगले हफ्ते तक सभी कर्मचारियों के अकाउंट में भेज दी जाएगी।
हरदयाल लाइब्रेरी में चल रहे मामले के अंतर्गत सैलरी का जो मुद्दा उठा रहा है। उसके पीछे की वजह ढूंढने की जब बजाते रहो ने प्रयास की तो जो जानकारी हाथ लगी वह बेहद हैरान करने वाली थी। असल में हरदयाल लाइब्रेरी के जितने भी कर्मचारी हैं उनकी सैलरी दिल्ली नगर निगम द्वारा दिए जा रहे अनुदान के जरिए मिलती है।
सूत्रों के मुताबिक हरदयाल लाइब्रेरी के सचिव पद पर जब भाजपा की पूर्व पार्षद रेखा सिन्हा विराजमान थी। उस वक्त हरदयाल लाइब्रेरी के कई कर्मचारियों को कच्चे से पक्का किया गया था। जिसके बाद सभी पक्के हुए कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा हुआ था।
सूत्र बताते हैं कि उस वक्त अनुदान की राशि भी बढ़ाने की बात कहीं गई थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि कर्मचारी पक्के तो हो गए लेकिन अनुदान की राशि वही मिलती रही जो पहले से मिल रही थी। जिसकी वजह से सैलरी की जो समस्या थी वह और भी ज्यादा विकराल हो गई।