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दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर माँग की है की निगम सदन की उच्च परम्पराओं को तार तार करवाने के दोषी निगम में नामांकित आम आदमी पार्टी के 13 विधायकों को उपराज्यपाल निगम एक्ट की धारा 79 के अंतर्गत सदन से निलंबित करें।
पत्र में भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की दिल्ली नगर निगम सदन एक उच्च प्रतिष्ठा का स्थानीय निकाय सदन है जिसके सौ वर्ष के इतिहास में गुरू राधा किशन, पं. त्रिलोक चंद शर्मा, अरूणा आसफ अली, बदरूददीन अहमद, लाला हंस राज गुप्ता, एच.के.एल. भगत, राजनारायण खन्ना, मुशताकराय खन्ना, केदार नाथ साहनी, सत्य नारायण बंसल, महेंद्र सिंह साथी, चौ. सूरत सिंह, शांति देसाई, रामबाबू शर्मा जैसे गणमान्य व्यक्तित्वों ने जहाँ अपने उच्च आचरण से दिल्ली की जनता को गौरवान्वित किया है तो हाल ही के वर्षों में प्रो. रजनी अब्बी, फरहाद सूरी, मुकेश गोयल, हर्ष मल्होत्रा एवं कमलजीत सहरावत आदि ने सदन कार्यवाही में उत्कृष्ट व्यवहार से दिल्ली वालों का दिल जीता है।
इस सब के ठीक विपरीत कल दिल्ली नगर निगम सदन में जो हिंसा हुई उसने दिल्ली वालों को व्यथित किया है और उस सबसे दिल्ली नगर निगम की उच्च प्रतिष्ठा – परमपराऐं तार तार हुई हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की दिल्ली का नागरिक होने के नाते मुझे व्यक्तिगत तौर पर ठेस पहुंची है और इसी नाते मैंने कल के पूरे प्रकरण को समझा तो पाया की निगम सदन की बैठक कल प्रातः 11 बजे बुलाई गई थी। भाजपा से जुड़े सभी चुने निगम पार्षद, सांसदों, नामांकित विधायक के आलावा उपराज्यपाल द्वारा नामांकित पार्षद सदन पर समय से पूर्व पहुँच गये और कार्यवाही भी प्रारम्भ हो गई जब अचानक 11.40 बजे आम आदमी पार्टी से जुड़े सभी पार्षद, नामांकित विधायक एवं राज्य सभा सांसद एक साथ सदन मे आये।
आम आदमी पार्टी की टोली ने आते ही नारेबाजी शुरू कर दी फिर कुछ पलों पर पीठासीन अधिकारी से बदतमीजी कर मेज पर चढ़ गये और फिर जो कुछ हुआ वह इतिहास मे काले अध्याय के रूप में याद किया जायेगा।
भाजपा प्रवक्ता ने पत्र मे लिखा है की उपलब्ध विडिओ एवं चित्रों को देख कर समझ आया की आम आदमी पार्टी के 13 नामांकित विधायकों खासकर सुश्री अतिशी, सरदार जरनैल सिंह, श्री दुर्गेश पाठक एवं श्री संजीव झा ने अपनी पार्टी के नये पार्षदों को हिंसा के लियें उकसाया। विधायक जरनैल सिंह तो पीठासीन अधिकारी की मेज पर भी चढ़ गये।
पत्र मे दिल्ली के नागरिकों की ओर से मांग की गई है की उपराज्यपाल महोदय निगम सदन की गरिमा भंग के दोषी आम आदमी पार्टी के सभी 13 नामांकित विधायकों को निगम एक्ट की धारा 79 के अंतर्गत निगम की आगामी तीन बैठकों के लियें निलंबित करें और सभी निगम पार्षदों आदि को भविष्य में अनुचित आचरण ना करने की चेतावनी दें।