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सैलरी और पेंशन को लेकर जो हालात अभीतक दिल्ली नगर निगम के बना हुआ है ऐसा ही हाल अब दिल्ली सरकार के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों का भी हो गया है।
बता दें कि पिछले कई महीनों की बकाया सैलरी और पेंशन न मिलने की मार दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी झेल ही रहे है। लेकिन अब यही हाल दिल्ली सरकार में काम कर रहे कर्मचारियों के साथ साथ रिटायर्ड पेंशनधारियों का भी हो चुका है।
दिल्ली सरकार के परिवहन , हेल्थ , जलबोर्ड के अलावा ऐसे और कई विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों और पेंशनधारियों की हालात बद से बत्तर होती जा रही है क्योंकि केजरीवाल सरकार उन्हें समय से सैलरी व पेंशन देने में विफल हो रही है।
केजरीवाल सरकार की माने तो इसके लिए उन्होंने केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को और दिल्ली के उपराज्यपाल को ज़िम्मेदार ठहराया। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके लिए विभाग सचिव ज़िम्मेदार हैं जो एलजी वी के सक्सेना के इशारे पर काम कर रहे हैं। सौरव ने कहा कि एलजी के इशारे पर काम कर रहे अधिकारी ने जानबूझ कर फ़ाइल रोकी ताकि सैलरी और पेंशन देने में देरी हो सके।
लेकिन दिल्ली सरकार के प्रभावित कर्मचारियों और पेंशनधारियों का कहना है कि वे इस बात को नहीं मानते है।उनका कहना है कि वे काम केजरीवाल सरकार के अधीन कर रहे हैं न कि एलजी के। यदि एलजी और केजरीवाल सरकार के बीच आपसी मतभेद है तो उसका समाधान करना सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है ताकि कर्मचारियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन ऐसा न करते हुए दिल्ली सरकार केवल बहाना बनाने का काम कर रही है।
वहीं एमसीडी के कर्मचारियों व पेंशनधारियों का हाल वैसा का वैसा ही बना हुआ है । भले ही आम आदमी पार्टी ने बहुमत के आंकड़े पार कर एमसीडी में जीतकर आ गई है लेकिन सैलरी और पेंशन की परेशानी को लेकर अपनी ओर से कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रही है।
उधर निगमकर्मियों का कहना है कि निगम चुनाव के वक्त सीएम केजरीवाल ने कर्मचारियों से वादा किया था कि हर महीने की पहली तारीख को उनकी सैलरी/पेंशन उनके एकाउंट में पहुँच जाया करेगी।लेकिन आज उसी बयान पर सीएम केजरीवाल आखिर मौन क्यों हैं?