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उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर (UTTIPEC) की गर्वनिंग बॉडी की 67वीं बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में सबसे पहले 26 सितंबर, 2022 को हुई 66 वीं बैठक में लिए गए निर्णयों को अंतिम मंजूरी दी गई. इसके साथ ही बैठक में शहर की ट्रेफिक व्यवस्था को सुगम और आसान बनाने के उद्येश्य से विभिन्न दूरगामी परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया और इससे संबंधित विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. बैठक में यूटीटीपीईसी के लोगों और टैगलाइन को भी मंजूरी दी गई. अब से यूटीटीपीईसी का नया टैगलाइन है-“प्रशस्त यातायात सशक्त दिल्ली”.
बैठक की शुरुआत में, उपराज्यपाल ने यूटीटीपीईसी द्वारा किसी भी क्षेत्र में प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पहले उसके सभी विकासात्मक पहलुओं पर विचार करने और समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया. उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने समय-सीमा का सख्ती से पालन करने और संबंधित एजेंसियों के बीच बिना किसी रुकावट समन्वय के महत्व को भी रेखांकित किया.
आज के निर्णयों से राजधानी में ट्रैफिक जाम की समस्या से बहुत हद तक निजात मिलने की संभावना है. शहर के ट्रैफिक प्रवाह में सुधार, पैदल और साइकिल यात्रियों की सुविधा तथा शहर की समग्र गतिशीलता की को बल मिलेगा।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं:
1. एम जी रोड स्थित छतरपुर मेट्रो स्टेशन से लेकर हरियाणा बौर्डर पर फरीदाबाद के गोलपहाड़ी तक मांडी रोड का चौड़ीकरण और उन्नयन (अपग्रेडेशन) किया जाएगा. आज के निर्णय से 9.05 किलोमीटर में फैली मौजूदा सड़क का आरओडब्ल्यू 8- 12 मीटर से बढ़ा कर 30 मीटर तक विस्तारित किया जाएगा. यह परियोजना भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा वित्त पोषित है और इस काम को PWD, GNCTD द्वारा निष्पादित किया जाना था. पहली बार इस परियोजना को यूटीटीआईपीईसी की 43 वीं बैठक में मंजूरी दी गई थी. लेकिन अब तक यह परियोजना पूरी नहीं हुई.
बैठक में उपराज्यपाल वी के सक्सेना को सूचित किया गया कि भूमि अधिग्रहण और एलाइनमेंट संबधी जटिलताओं जैसी कई वजहों से परियोजना में इतनी देरी हुई. इस देरी पर वी के सक्सेना ने कड़ी आपत्ति जताते हुए आश्चर्य व्यक्ति किया कि कैसे दिल्ली और एनसीआर की इतनी महत्वपूर्ण परियोजना को सालों से लटका कर रखी गया. उन्होंने पीडब्ल्यूडी को परियोजना के निष्पादन के लिए एक ठोस समयसीमा तैयार करने के निर्देश जारी किए. इसके साथ ही कड़ी हिदायत दी गई कि हर हाल में पीडब्ल्यूडी द्वारा तय की गई समय सीमा के अंदर परियोजना को पूरा कर लिया जाना चाहिए. वी के सक्सेना ने इस बात को रेखांकित किया यह ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें दिल्ली में लंबे समय से जारी यातायात संकट को हल करने की क्षमता है. अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो विशेष रूप से दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में आउटर रिंग रोड के अलावा अन्य सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या का अंत हो सकता है.
2. बैठक में मंडी हाउस और मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के ईर्द-गिर्द वाले इलाकों जैसे कि बाराखंबा रोड, तानसेन मार्ग, सफदर हाशमी मार्ग, सिकंदरा रोड, भगवान दास रोड, कॉपरनिकस मार्ग और फिरोजशाह रोड के किनारे पैदल यात्रियों के लिए चलने योग्य सुविधाएं विकसित करने वाले कार्य को भी मंजूरी दी गई. यह वह इलाका है जहां राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, मॉडर्न स्कूल, लेडी इरविन कॉलेज, मंडी हाउस, ललित कला अकादमी और नेपाल के दूतावास जैसे संस्थान हैं. इसके अलावा बंगाली मार्केट, हमदर्द नगर और टोडरमल रोड जैसी कई व्यस्त जगहें हैं. बैठक में लिए गए निर्णय से यह इलाका पैदल यात्रियों के लिए सुगम हो सकेगा और ट्रैफिक की समस्या भी खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही मंडी हाउस मेट्रो इंटरचेंज, तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन और एचआरटीसी बस स्टैंड के बीच सफर करना आसान हो जायेगा।
3.शादीपुर मेट्रो स्टेशन, पीरागढ़ी मेट्रो स्टेशन और मयूर विहार एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मोडल इंटीग्रेशन प्लान को भी मंजूरी दी गई है. इनमें इंटरकनेक्टेड स्ट्रीट नेटवर्क, स्ट्रीट डिज़ाइन, सिग्नल और ग्रेड सेपरेटेड स्ट्रीट क्रॉसिंग, मॉडल इंटरचेंज लोकेशन और साइकिल, बस, ऑटो रिक्शा और निजी कार के लिए पार्किंग की सुविधा शामिल हैं. इसके साथ ही स्ट्रीट पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, हॉकर जोन, साईनेजेज और स्ट्रीट मैप और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बनाने की मंजूरी दी गई है ताकि कभी भी कहीं से भी आसानी से कनेक्टिविटी मिल सके.