दिल्ली में बेघर गरीबों को अब सभी रैन बसेरों में मिलेगा खाना
केजरीवाल सरकार ने शुरू की मुख्यमंत्री पोषाहार योजना
दिल्ली में रहने वाले बेघर गरीब लोगों को सभी रैन बसेरों में अब हमेशा दो वक्त का खाना मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने सभी रैन बसेरों में आज मुख्यमंत्री पोषाहार योजना की शुरूआत की है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वोट नहीं बने होने के कारण रैन बसेरों में रहने वाले लोग किसी भी पार्टी के वोट बैंक नहीं होते हैं। इसलिए आज तक देश भर में सरकारों ने इन लोगों पर ध्यान नहीं दिया।
हमारी सरकार बनने से पहले तक दिल्ली हाईकोर्ट से हर साल दिल्ली सरकार रैन बसेरों में बदइंतजामी पर डांट खाती थी। आज हमारी सरकार ने रैन बसेरों की हालत बहुत अच्छी कर दी है और अब लोग कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए कुछ किया तो है।
सीएम ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार है। हमने सबसे ज्यादा काम गरीबों के लिए किया है। दिल्ली सरकार और अक्षय पात्रा फाउंडेशन की साझेदारी से अब सभी रैन बसेरों में हमेशा खाना खिलाया जाएगा।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बेघर लोगों के लिए दिल्ली के सभी रैन बसेरों में आज मुख्यमंत्री पोषाहार योजना की शुरूआत की है। उद्घाटन समारोह का आयोजन सराय काले खां स्थित नाइट सेल्टर में किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिए, जबकि दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। इसके अलावा, अक्षय पात्रा फाउंडेशन के चेयरमैन मधु पंडित दासा, आम आदमी पार्टी के विधायक विशेष रवि और डुसिब के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल और शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने वहां पर लोगों से बात भी की और उनमें भोजन का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे जो रैन बसेरे हैं, इनमें समाज के सबसे गरीब से गरीब लोग रहते हैं। ऐसे लोग जिनके सिर पर छत भी नहीं होती है, ऐसे लोग जो सड़क के किनारे सोने पर मजबूर होते हैं, जिनके पास कुछ भी नहीं होता है, वो लोग सिर पर छत पाने और मौसम से बचने के लिए रैन बसेरों में आते हैं।
एक तरह से आप कह सकते हैं कि सबसे गरीब लोग रैन बसेरों में रहते हैं। यह लोग किसी भी पार्टी का वोट बैंक नहीं है। इनमें से अधिकांश लोगों के वोट नहीं बने हुए हैं। इसलिए कोई भी पार्टी की सरकार आ जाए, वो इनकी तरफ ध्यान नहीं देती है।
उनको लगता है कि इनकी तरफ ध्यान देने से क्या फायदा, इनके ऊपर पैसा खर्च करने से क्या फायदा है? सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोग तो 20013-14 में पहली बार नए-नए राजनीति में आए थे।
उसके पहले हर साल सर्दियों के महीनों में अखबारों में पढ़ा करते थे। साल दर साल, साल दर साल अखबारों में एक ही कहानी होती थी कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कस के डांट पिलाई कि आप लोगों ने रैन बसेरों का ठीक से इंतजाम क्यों नहीं किया? हर साल दिल्ली हाईकोर्ट डांटता था, हर साल दिल्ली सरकार डांट खाती थी। उसके बावजूद भी कुछ नहीं सुधार हुआ।
सीएम ने कहा कि पूरी दिल्ली क्या, पूरे देश के अंदर इस तबके की तरफ कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया। हमारी सरकार आने के बाद हमने सबसे पहले रैन बसेरों की तरफ अपना ध्यान दिया। आज मुझे यह कहते हुए खुशी है कि पिछले 6-7 साल में हमारी सरकार ने इन रैन बसेरों की हालत इतनी अच्छी कर दी है कि अब जो लोग इन रैन बसेरों को देखने आते हैं, वे अपने आप कह उठते हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए कुछ किया तो है। इन सारे रैन बसेरों की हालत सुधारी गई।
यहां पर इनको ठीक से बिस्तर का इंतजाम किया गया, रहने का इंतजाम किया गया। पहले कोई गरीब से गरीब आदमी भी इन रैन बसेरों में रहना नहीं चाहता था। रैन बसेरों की इतनी बुरी हालत थी, पानी पीने को नहीं मिलता था, नहाने का इंतजाम नहीं था। किसी चीज का इंतजाम नहीं था।
मैंने और मंत्री ने खुद कई-कई रैन बसेरों में जा-जाकर निरीक्षण किया। आप समझ सकते हैं कि जब सीएम खुद जाकर रैन बसेरे में निरीक्षण करता है, तो ऊपर से नीचे तक सारी मशीनरी और नौकरशाही हिल जाती है। फिर उनको लगता है कि यह काम तो करना पड़ेगा, सीएम खुद आ रहा है। इसलिए आज इन रैन बसेरों की हालत बहुत अच्छी है। दिल्ली में 209 रैन बसेरे चल रहे हैं। इन 209 रैन बसेरों में इस वक्त 6000 लोग रह रहे हैं और सर्दियों में लगभग 12000 लोग रहते हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 6-7 साल में आपने सर्दियों के महीने में अखबारों में यह खबर नहीं पढ़ी होगी, अब अखबारों में यह खबर नहीं आती है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को डांटा। अब यह पुरानी बात हो गई है। हम अब एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। कोरोना के समय में हमारी सरकार ने रैन बसेरों में रहने वाले लोगों को भोजन का भी इंतजाम करना शुरू किया था कि उनको दोनों वक्त का भोजन मिले। अब मुझे बेहद खुशी है कि अक्षय पात्रा फाउंडेशन सामने आया है। आप लोग सब लोग जानते हैं कि इस्कॉन टेंपल अक्षय पात्र फाउंडेशन की संस्था है। वो असली धर्म का काम करते हैं। असली धर्म का काम मतलब कि भूखे को खाना खिलाते हैं। वो असली धर्म है। इनकी संस्था का उद्देश्य है कि किसी को भी भूखे नहीं सोने देंगे। पूरे देश भर में, कई राज्यों के अंदर बहुत शानदार काम चल रहा है। जब मैं पिछली बार बेंगलुरु गया था, तब अक्षय पात्रा की सारा किचन और सारा सेटअप देख कर आया था। बहुत ही साफ-सुथरा और मशीनों से खाना बनाते हैं। बहुत-बहुत हाइजेनिक खाना बनाते हैं। आज मुझे खुशी है कि दिल्ली सरकार और अक्षय पात्रा फाउंडेशन के बीच में आज से जो यह साझा कार्यक्रम शुरू हुआ है, इसके जरिए सभी रैन बसेरों में अब स्थाई (हमेशा) खाना खिलाया जाएगा। हमने यह कोरोना से शुरू किया था, लेकिन अब हमेशा खाना खिलाया जाएगा। सभी को खाना खिलाया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार का सबसे पहला काम होता है, अपने गरीब से गरीब नागरिक की तरफ ध्यान दें, जो सबसे गरीब है। लेकिन सरकारों ने आज तक किया नहीं, क्योंकि वह उनका वोट बैंक नहीं था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार एक जिम्मेदार सरकार है, संवेदनशील सरकार है। हमने सबसे ज्यादा काम हमने गरीबों के लिए किया है। आज मुझे बेहद खुशी इस प्रोग्राम का उद्घाटन करते हुए। मैं अक्षय पात्र फाउंडेशन का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि जिस तरह से समाज की सेवा कर रहे हैं, इंसानियत की सेवा कर रहे हैं, आप इसी तरह से सेवा करते रहे। भगवान करे, आपको खूब डोनेशन मिले, ताकि आप और ज्यादा से ज्यादा लोगों को सेवा कर सकें।
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि डुसिब द्वारा चलाए जा रहे हमारे सभी सेंल्टर्स में करीब 6 हजार लोग रह रहे हैं। उनमें दो वक्त का भोजन अक्षय पात्रा की तरफ से फ्री दिया जा रहा है। कोविड के दौरान करीब डेढ़ साल पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिए थे कि डुसिब के सभी सेल्टर्स में जितने भी बेघर लोग रहते हैं, उन सभी को दो वक्त का खाना सरकार की ओर से दिया जाए। तभी से सरकार की ओर से लगातार खाना दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अक्षय पात्रा का तहे दिल से शुक्र गुजार हूं कि उन्होंने अब इस काम को अपने हाथ में लिया है। इनकी तरफ से सेल्टर होम में रहने वाले छह हजार बेघर लोगों के साथ ही दिल्ली सरकार के जो हॉस्पिटल बन रहे हैं, उन पर काम करने वाले करीब तीन हजार मजदूरों को भी खाने का इंतजाम किया गया है। सर्दियों में सेल्टर होम में रहने वालों की संख्या बढ़कर दोगुनी यानी 6 हजार से 12 हजार हो जाती है। इन्होंने उनके लिए भी खाने का पूरा इंतजाम करने के लिए कहा है।
अक्षय पात्रा फाउंडेशन के चेयरमैन मधु पंडित दासा ने कहा कि दिल्ली सरकार कोविड-19 महामारी के दौरान अपने नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम कर रही है। विभिन्न चुनौतियों के बावजूद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए मानवीय प्रयास सराहनीय हैं। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) द्वारा शहर भर में स्थापित रैन बसेरे इन प्रयासों के उदाहरण हैं। रैन बसेरे बेघरों को मुफ्त आवास प्रदान करते हैं और उनकी भूख को भी मिटाते हैं। आर्थिक रूप से गरीब परिवार, वरिष्ठ नागरिक, विधवाएं, अकेली महिलाएं और चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले मरीज रैन बसेरे की सुविधा का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं। हमें इन लोगों को दोपहर और रात का स्वच्छ और पौष्टिक भोजन खिलाने के लिए दिल्ली सरकार के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है।