साप्ताहिक बाजारों के दुकानदारों का मिलकर शोषण कर रहे आप और बीजेपीः मुकेश गोयल
कमिश्नर की ओर से लाया जाने वाला प्रस्ताव निजी नहीं आधिकारिक होता हैः मुकेश गोयल
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद श्री मुकेश गोयल ने साप्ताहिक बाजारों के निजीकरण के प्रयास पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी मिलकर रेहड़ी-पटरी व साप्ताहिक बाजारों के दुकानदारों का षोषण कर रहे हैं।
उन्होंने स्थायी समिति अध्यक्ष जोगीराम जैन के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘साप्ताहिक बाजारों के दुकानदारों से निजी ठेकेदारों द्वारा फीस की वसूली का प्रस्ताव कमिष्नर की ओर से लाया गया निजी प्रस्ताव है।
मुकेश गोयल ने कहा कि कांग्रेस हमेशा वंचितों, शोषितों, गरीबों और साप्ताहिक बाजारों की आवाज उठाती रही है। 29 जुलाई की सदन की बैठक में भी कांग्रेस पार्षदों ने विरोध स्वरूप साप्ताहिक बाजार लगाया था।
उन्होंने कहा कि 27 जुलाई की स्थायी समिति की बैठक में बीजेपी शासित नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में साप्ताहिक बाजारों से फीस वसूली का प्रस्ताव लाया गया था। स्थायी समिति में आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद हैं। उन्होंने तब इस प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं की थी। इसका मतलब है कि प्रस्ताव को स्थगित करने में बीजेपी के साथ आप पार्षदों की भी सहमति थी।
यदि दोनों दलों के नेता रेहड़ी-पटरी व साप्ताहिक बाजारों के दुकानदारों का हित चाहते तो इसे प्रस्ताव को स्थगित करने के बजाय तभी रद्द करवा देते। मुकेश गोयल ने आगे कहा कि कांग्रेस तत्कालीन केंद्र सरकार ने 2014 में स्ट्रीट वेंटर एक्ट लागू कर दिया था। लेकिन बीजेपी शासित नगर निगम और आप शासित दिल्ली सरकार अब तक इसे लागू नहीं करवा पाये हैं।
कांग्रेस पार्टी साप्ताहिक बाजारों के दुकानदारों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी जून माह में ही साप्ताहिक बाजारों को खोलने की अनुमति दे चुका है। लेकिन दिल्ली सरकार ने अब इन्हें खोलने की घोषणा की है।
उन्होंने मांग की कि साप्ताहिक बाजारों के निजीकरण के प्रस्ताव को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए, अन्यथा कांग्रेस पार्टी दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।