बजाते रहो न्यूज़
दिल्ली नगर निगम में कार्यरत इंजीनियरों से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें लगभग 600 से 700 इंजीनियर प्रशासन के अड़ियल रवैये की वजह से बीते 17 सालों से प्रभावित हैं। अब ये सारे प्रभावित इंजीनियर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी चुके हैं।
फोरम ऑफ एमसीडी एम्प्लॉयीज़ के प्रेजिडेंट नरेश शर्मा के मुताबिक 2006 से लेकर आजतक इंजीनियर विभाग में रेगुलर प्रोमोशन को लेकर डीपीसी बैठी ही नहीं है।ज्यादातर प्रभावित इंजीनियर रिटायरमेंट के कगार पर पहुँच चुके है बावजूद इसके प्रशासन इनके प्रति संवेदनहीन बना हुआ है।
शर्मा ने बताया कि प्रभावित इंजीनियरों को प्रशासन द्वारा आजतक रेगुलर प्रमोशन देने की जगह केवल लुक आफ्टर चार्ज या फिर एडहॉक पर लगाकर लॉलीपॉप पकड़ाने का काम किया गया है।
लुक आफ्टर चार्ज की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी तो मिल जाती है लेकिन पे स्केल में कोई बढ़ोतरी नहीं होती।वहीं एडहॉक के साथ कंडक्ट रूल भी जोड़ दिया जाता है जिससे प्रशासन जब चाहे तब अधिकारी को वापस डिमोट कर सकता है।
उधर डीओपीटी गाइडलाइंस के मुताबिक हर साल में एकबार रेगुलर प्रमोशन को लेकर डीपीसी का बैठना अनिवार्य है। लेकिन प्रशासन 17 सालों से नियम कानून की बराबर अनदेखी कर रहा है।
शर्मा ने बताया कि इस परेशानी के पीछे सबसे बड़ा कारण सीईडी (सेंट्रल इस्टैब्लिश्मेन्ट डिपार्टमेंट) विभाग के अधिकारी हैं जो कई वर्षों से निगम में काम कर रहे इंजीनियरों के साथ जानबूझकर नाइंसाफी कर रहे है। जिस इंजीनियर का हक बनता है कि उसे तुरंत रेगुलर प्रोमोशन मिले उसकी जगह डायरेक्ट भर्ती हुए नए लोगों को ऊंची पोस्ट दे दी जाती हैं। ये सिलसिला सालों से जारी है जिससे पुराने इंजिनियरों का मनोबल बराबर गिरता जा रहा है।
शर्मा ने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है कि आने वाले 28 जून को सभी प्रभावित इंजीनियर सिविक सेन्टर पर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।