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दिल्ली में बिजली की दरों में 10 फीसदी बढ़ोतरी के खिलाफ भाजपा विधायकों ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने मांग की कि बिजली की बढ़ी हुई दरें तुरंत वापस ली जाएं और जब तक ये दरें वापस नहीं ली जातीं, भाजपा का विरोध जारी रहेगा।
आज के धरने में भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी और अजय महावर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बात-बात पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब बिजली की दरों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र क्यों नहीं बुला रहे। आम आदमी पार्टी सरकार हमेशा यह दावा करती है कि जब से आप सरकार आई है, राजधानी में बिजली के रेट नहीं बढ़ने दिए जा रहे लेकिन सच्चाई यह है कि हर साल चोर दरवाजे से बिजली कंपनियों को रेट बढ़ाने की इजाजत दी जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 2014 में जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन था यानी केंद्र का शासन था, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तब के बिजली के बिलों की आज के बिल से तुलना कर लें। सार्वजनिक रूप से जनता के सामने तुलना करें तो उन्हें पता चलेगा कि बिजली के बिलों में तीन गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि चोर दरवाजे से हर साल बिजली के बिलों में वृद्धि की जा रही है। कभी फिक्स्ड चार्ज के नाम पर, कभी पॉवर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट के नाम पर और कभी रिटायर्ड बिजली कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर जनता पर बिजली बिलों का बोझ लादा जा रहा है।
भाजपा विधायकों ने कहा कि बिजली मंत्री आतिशी एक बार फिर झूठ बोल रही हैं कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। यह बढ़ोतरी दिल्ली सरकार की प्राइवेट कंपनियों से सांठगांठ के कारण हुई है। पिछले साल भी बिजली की दरें इसी तरह 6 फीसदी बढ़ा दी गई थीं और इस साल 10 फीसदी बढ़ा दी गई हैं। बिजली मंत्री अपने पाप को दूसरों पर थोंपने की आदत से बाज आएं। केजरीवाल सरकार की बिजली कंपनियों से सांठगांठ पहले भी सार्वजनिक हो चुकी है और सबसिडी के नाम पर इन कंपनियों से मिलकर हजारों करोड़ का घपला किया गया है।
बिधूड़ी ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती, तब तक भाजपा का आन्दोलन जारी रहेगा। भाजपा इस फैसले का हर स्तर पर विरोध करेगी।