MCD के डीबीसी कर्मचारियों को पक्का करने का वादा करने वाली केजरीवाल सरकार ने उल्टा नौकरी ही छीन ली… लिस्ट के साथ ..
बजाते रहो न्यूज़
आखिर वही हुआ जिसके बारे में लगातार कर्मचारी अंदेशा कर रहे थे। बता दें कि पद सृजन की अपनी मांग कर रहे दिल्ली नगर निगम के डीबीसी कर्मचारियों को निगम की केजरीवाल सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। जानकारी मिली है की लगभग 20 से 25 डीबीसी कर्मचारियों को दिल्ली नगर निगम ने नौकरी से बाहर निकाल दिया है
बजाते रहो न्यूज़ ने जब निकाले गए कर्मचारियों से बात करी तो मालूम पड़ा कि प्रशासन द्वारा बिना बताए ही उन्हें नौकरी से बेदखल कर दिया । एक और जहां कर्मचारी नौकरी से निकल जाने के बाद इधर-उधर शासन और प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं ताकि इन्हें वापस नौकरी पर रखा जाए।
लगातार डेंगू की वजह से दिल्ली में बढ़ रही मौतों की संख्या के बाद अब निगम द्वारा डीबीसी कर्मचारियों को नौकरी से बेदखल कर दिया जाना तब जब अब तक महापौर द्वारा लगातार यही दावे हो रहे थे कि उनकी सरकार कर्मचारियों के साथ है। इन सभी पर अब तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।
इस प्रकरण पर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के 22 घरेलू प्रजनन जांचकर्ताओं के सेवा अनुबंध समाप्त करने के बाद, अब यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी जल्द ही अपने सभी कांट्रैक्ट कर्मचारियों के अनुबंध समाप्त कर देगी।
कपूर ने कहा है कि यह देखकर हैरानी होती है कि आज जब दिल्लीवासी डेंगू और मलेरिया की मार झेल रहे हैं, ऐसे समय में एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने डीबीसी कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की गंदी राजनीति की है। आज यह खबर ऐसे दिन सामने आई है जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज के निर्वाचन क्षेत्र में डेंगू से एक मौत की खबर आई है।
दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख ने कहा है कि हमारे अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अप्रैल में ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आम आदमी पार्टी जल्द ही एमसीडी के सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को बर्खास्त कर देगी और उन नौकरियों में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को काम पर रखेगी, जैसे उन्होंने दिल्ली सरकार में को-टर्मिनस नौकरियों पर पार्टी कैडर को रख कर करा था। उन्होंने कहा है कि यही कारण है कि एमसीडी ने आज तक डीबीसी कर्मियों, डाटा एंट्री ऑपरेटरों और अन्य संविदा कर्मचारियों के अनुबंध को नवीनीकृत करने के लिए कुछ नहीं किया है।