बजाते रहो भारत न्यूज़
दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि एमसीडी में मंगलवार को होने वाली सदन की बैठक में बिल्डिंग सैंक्शन प्लान और ,स्कूलों के संबंध में लाए जाने वाले प्रस्ताव से लाल फीता शाही इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने वाला है।
दिल्ली नगर निगम में बिल्डिंग सैंक्शन प्लान ,की दरे बढ़ाने के लिए जो प्रस्ताव आम आदमी पार्टी लेकर आ रही है, उसे सिर्फ बड़े और विशाल बिल्डिंग बनाने वाले लोगों को ही फायदा होगा, जबकि इस प्लान से छोटे मकान मालिक जैसे तमाम लोगों को केवल नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
इस प्रस्ताव के लागू हो जाने पर छोटे मकान बनाने वाले लोगों को बिल्डिंग सैंक्शन प्लान के साथ रेगुलेटरी चार्ज कई गुना बढ़ जाएगा, जिसे सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा ,गरीब लोग नक्शा पास करवाने से बचेंगे,और दिल्ली में इससे अवैध निर्माण में बेहताशा वृद्धि हो जाएगी। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी यह कहती है कि उनके पास पैसों की कमी नहीं है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की जनता पर अतिरिक्त बोझ लगातार लगाए जा रही है।
इसी प्रकार एक और प्रस्ताव स्कूलों के अंदर दिल्ली नगर निगम द्वारा जो प्राइवेट स्कूलों को मान्यता दी जाती है, उस पर लाया गया है, इस प्रस्ताव से अवसर शाही को बहुत ही ज्यादा बढ़ावा मिलेगा जब भी कोई प्रस्ताव स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए लाया जाता है ,उससे पहले शिक्षा समिति में पास होने के बाद स्थाई समिति के समक्ष भी मंजूरी के लिए रखा जाता है। उसी के बाद फिर यह प्रस्ताव निगम से पास होकर मान्यता में बदलता है। इस कार्य हेतु जनता से जुड़े हुए सदस्य जो की शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं उनकी नियुक्ति होती है और अन्य सदस्य जो पार्षद होते हैं वह शिक्षा समिति में सदस्य होते हैं वह जनता और स्कूल की समस्याओं को सुनकर स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के संबंध में अपना सुझाव देते है, और उनके सुझाव के आधार पर ही स्कूलों की मान्यता का प्रावधान आगे बढ़ता था, परंतु अब यह कार्य नौकरशाही से जुड़े हुए अफसर द्वारा ही किया जाएगा जो की लोकतंत्र पर एक बड़ा कुठार घाट है इससे शिक्षा का स्तर गिर रहा है और नौकरशाही हावी हो जाएगी।
नेता सदन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, इस जनता विरोधी प्रस्ताव का विरोध करती और दिल्ली सरकार और नगर निगम में आम आदमी पार्टी द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार की ऐसे ही पोल खोलते रहेंगे।