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असल में नगर निगम के उसे निर्णय के खिलाफ सफाई कर्मचारी यूनियन के बीच नाराज़गी पैदा हुई जिसमें निगम ने हाल ही में लगभग 7000 के करीब कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित किया है।
इस मुद्दे को लेकर बीते शुक्रवार को सफाई कर्मचारी यूनियन दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबेरॉय से मिलने सिविक सेंटर पहुंची। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महापौर ने कर्मचारियों से मिलने से मना कर दिया। बस क्या था कर्मचारियों ने मदद के लिए इलाके की पुलिस को ही बुला लिया। जिसके बाद इलाके के एसएचओ मौके पर मौजूद हो गए।
हाउस के इस फैसले के बाद कर्मचारी यूनियन का कहना है कि निगम के कर्मचारियों को स्थाई किया जाना था लेकिन नियुक्ति ठेकेदारी पर हो रही है। ऐसे में सफाई कर्मचारी स्थाई कैसे हो पाएंगे? सफाई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि हमसे चुनाव से पहले वादा किया गया था की सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
लेकिन कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय उन्हें ठेकेेदारी पर नियुक्ति को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में हजारों सफाई कर्मचारी कैसे पक्के हो पाएंगे।
इस पूरे प्रकरण पर एमसीडी के नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया l
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी निगम चुनाव के समय कर्मचारियों खास करके सफाई कर्मचारियों को नियमित करने के बड़े बड़े वादे करके निगम की सत्ता पर तो काबिज हो गई किंतु अब आप पार्टी के वादों एवं दावों की हवा निकल गई है।
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली की मेयर साहिबा एक तरफ तो निगम में 6500 नियुक्तियां करने का दावा करती हैं किंतु जब लोगों के सामने सच्चाई आई कि वो सभी नियुक्तियां अनुबंध आधार पर हैं तो अब कर्मचारियों से मिलने से भी परहेज कर रही हैं। श्री राजा इकबाल सिंह ने कहा कि महापौर महोदया द्वारा सफाई कर्मचारियों से मिलने का समय न देना काफी शर्मनाक है और इससे भी ज्यादा दुख की बात है कि मेयर साहिबा से मिलने के लिए सफाई कर्मचारियों को पुलिस तक बुलानी पड़ी। श्री राजा इकबाल सिंह ने कहा कि इस घटना से यह साबित होता है कि आप पार्टी कर्मचारी विरोधी है तथा कर्मचारी कल्याण में कार्य करने की आप पार्टी की कोई भी मंशा नहीं है।