बजाते रहो भारत न्यूज़
दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इक़बाल सिंह ने आज बताया कि दिल्ली नगर निगम के सदन में आयुक्त ज्ञानेश भारती द्वारा रखा गया बजट नागरिक व कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के कारण स्थायी समिति, वार्ड समिति व अन्य महत्वपूर्ण समितियों का गठन नहीं हो पाया है जिसके कारण आयुक्त को निगम सदन में बजट प्रस्तुत करना पड़ा जो कि पूरी तरह ग़ैर संवैधानिक है।
उन्होंने बताया कि प्रस्तुत किए गए बजट में प्रोफ़ेशनल टैक्स को बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। इसके साथ ही संपत्ति कर के अग्रिम भुगतान में दी जाने वाली छूट को पहले 20% से घटाकर 10% किया गया और अब इसे ख़त्म कर दिया गया है। इसके साथ ही ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों पर अतिरिक्त 10% शुल्क लगाने की अनुशंसा की गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम का 80% बजट केवल कर्मचारियों को वेतन देने पर ख़र्च किया जाएगा और शेष 20 प्रतिशत ही नागरिक सेवाओं के विकास पर ख़र्च होगा।
राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि इस बार प्रस्तुत किए गए बजट में कुछ भी नया नहीं है, गत वर्ष के बजट को ही नया रूप देकर प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की मेयर ये कह रही है कि नागरिकों से पूछकर बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा तो मैं आम आदमी पार्टी की मेयर से पूछना चाहता हूँ कि नागरिकों द्वारा चुने गए पार्षद क्या करेंगे? उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी सिर्फ़ बड़ी बड़ी बातें व झूठा दिखावा करती है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने यह झूठ बोला था 5000 सफ़ाई कर्मचारियों को पक्का किया गया है, मगर आयुक्त के बजट में मात्र 483 सफ़ाई कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही गई है। इससे ये साफ़ ज़ाहिर होता है कि आम आदमी पार्टी किस प्रकार नागरिकों व कर्मचारियों की आँख में धूल झोंकने का कार्य करती है।
उन्होंने बताया कि सफ़ाई कर्मचारियों के एरियर की बात भी बजट में कहीं नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि एक तरफ़ आम आदमी पार्टी में कहती है कि हम दिल्ली को सिंगापूर व लंदन जैसे साफ़ शहर बना देंगे वहीं दूसरी ओर सफ़ाई के बजट में 2.5 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। इससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि आम आदमी पार्टी की कथनी और करनी में काफ़ी फ़र्क है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में एक भी नई योजना नहीं लाई गई है जितनी भी योजनाएं अभी चल रही है या पूरी होने वाली है वो सभी भारतीय जनता पार्टी की देन है।