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नई दिल्ली
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी ने गत लगभग 2 साल में दिल्ली नगर निगम को ठप्प कर दिया है। अब तो स्थिती इतनी खराब है की हार की सम्भावना से बौखलाई “आप” नगर निगम एक्ट अनुसार आवश्यक दलित महापौर चुनने का चुनाव भी नही होने दे रही है।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की आम आदमी आज स्थाई समिति सदस्य के चुनाव के मुद्दे के पर न्यायालय के उपराज्यपाल से पूछे सवालों को अपनी उपलब्धि के रूप में दर्शा रही है जबकि न्यायालय ऐसे हर मामले में नोटिस कर याचिकाकर्ता के सवालों पर जवाब मांगता है
दिल्ली नगर निगम ना अब अपने सेवा दायित्व का निर्वहन कर रहा ना कोई प्रशासनिक कार्य पूरे कर रहा है।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने 2015 से 2022 तक नगर निगम को आर्थिक रूप से पंगु बना कर भाजपा प्रशासन को विफल किया और 2022 में खुद सत्ता में आने के बाद नगर निगम को राजनीतिक एवं कानूनी लड़ाई का आखाड़ा बना दिया है जहाँ एल्डरमैन की नियुक्ति स्वीकारने से लेकर स्थाई समिति सदस्यों का चुनाव भी तब हुआ जब न्यायालय ने सख्त आदेश कर दिया।
सचदेवा ने कहा है की लम्बे इंतजार के बाद माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के दबाव में नगर निगम की वार्ड समितियों एवं स्थाई समिति का चुनाव हुआ पर स्थाई समिति अध्यक्ष के चुनाव में हार निश्चित देख आम आदमी पार्टी ने पहले तो चुनाव प्रक्रिया में भाग नही लिया और फिर चुनाव हारने के बाद पुनः न्यायालय जाकर तय कर दिया की नगर निगम की स्थाई समिति का गठन अब नही हो पायेगा, परिणाम स्वरूप निगम ठप्प रहेगा।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की नगर निगम के हर मुद्दे को न्यायालय ले जाकर जहाँ एक ओर आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता को दो साल से विकास से वंचित रखा है तो वहीं दिल्ली नगर निगम एक्ट अनुसार होने वाली दलित महापौर की नियुक्ति के चुनाव को भी बाधित किया है।
सचदेवा ने कहा है की अरविंद केजरीवाल एकतंत्र सरकार चलाने वाले व्यक्ति है और नगर निगम में बराबर की टक्कर का विपक्ष है अतः वह नगर निगम को चलने नही देना चाहते।
अरविंद केजरीवाल नगर निगम की स्थाई समिति के चुनाव में “आप” की हार के भय से भाग रहे हैं और उनकी हठधर्मी के चलते अब महापौर का चुनाव भी बाधित कर दिया है जिसकी भाजपा निंदा करती है।