DELHI: 10 हजार बस मार्शलों की होगी दोबारा भर्ती??

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नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायक दल ने आज मुख्यमंत्री आतिशी से मिलकर दिल्ली के उन 10 हजार बस मार्शलों को, जिन्हें केजरीवाल के आदेश पर पिछले साल नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था, नौकरी पर पुनः बहाल करने और उन्हें नियमित करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि वह उनके द्वारा विधानसभा में इस संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव पर विचार करते हुए कैबिनेट नोट तैयार करें और कैबिनेट से इसकी मंजूरी लेकर इसे फाइनल अप्रूवल के लिए उपराज्यपाल को भेजें।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डीटीसी के 10 हजार बस मार्शलों को पिछले साल 11 अक्टूबर 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर नौकरी से बिना कारण बताए हटा दिया गया था और सबसे चिंताजनक बात यह है कि उन्हें नौकरी से हटाने से पहले 5-6 महीने तक वेतन ही नहीं दिया गया जो कि अभी 1 साल बीतने के बावजूद भी पेंडिंग है, जिस कारण इन मार्शलों का परिवार भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।

विजेंद्र गुप्ता ने आश्चर्य जताते हुए कहा की इन गरीब मार्शलों का वेतन रोकने का कारण समझ से बाहर है। क्योंकि इनका वेतन देने का अधिकार तत्कालीन वित्त मंत्री आतिशी के अधिकार क्षेत्र में था, लेकिन उन्होंने जानबूझकर इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देते हुए इससे संबंधित फाइल उपराज्यपाल को भेज दी जिस पर उपराज्यपाल महोदय ने यह स्पष्ट रूप से लिखा कि यह विषय संबंधित मंत्री के अधिकार क्षेत्र में है और इसका निर्णय उनके द्वारा ही लिया जाना है। लेकिन आम आदमी पार्टी क्योंकि हर चीज को राजनीतिक रंग देने में माहिर है, इसीलिए इन्होंने इन गरीब 10 हजार मार्शलों का वेतन रोक दिया और फिर 5-6 महीने बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर नौकरी से बाहर कर दिया

भाजपा विधायक दल द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में निम्नलिखित मुख्य मुद्दों को दर्शाया गया है।
1. सभी बस मार्शलों को तुरंत पुनः नियुक्त किया जाए।
2. उनकी सेवाओं को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति की तारीख से नियमित किया जाए।
3. कानूनी प्रक्रिया के अनुसार सभी को स्थायी नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।
4. हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि भी लागू की जाए।
5. सभी को वॉलंटियर नहीं, बल्कि गार्ड्स या मार्शल के रूप में पुनः नामित किया जाए।
6. मानदेय के बजाय वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
7. नियमों के अनुसार SC/ST/OBC और EWS वर्गों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।

नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री के साथ आज हुई बैठक में सरकार की तरफ से असहयोग और नकारात्मक रवैया सामने आया जो कि बहुत ही दु:ख का विषय है। उन्होंने कहा कि गरीब 10 हजार मार्शलों को बहाल करने जैसे मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से असंवेदनहीन बनी हुई है जिसका खामियाजा 10 हजार मार्शल और उनका परिवार भुगत रहा है।

गुप्ता ने कहा कि भाजपा इन मार्शलों के साथ है और इसीलिए भाजपा विधायकों की ओर से विधानसभा में इन्हें नौकरी पर बहाल करने और इन्हें नियमित करने का प्रस्ताव उनके द्वारा रखा गया था और सदन में पारित भी किया गया था। इसके बाद की कार्रवाई दिल्ली सरकार ने करनी थी जिसके पास इस पर कैबिनेट नोट तैयार करने और उसको कैबिनेट से अप्रूव करवाने की जिम्मेदारी सरकार पर थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

गुप्ता ने बताया कि आज की बैठक में विपक्षी विधायकों के दबाव में सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में औपचारिकता पूरी करने के लिए कैबिनेट नोट बना दिया गया जिस पर पर्याप्त मंत्रियों के साइन नहीं थे और न ही भाजपा विधायकों द्वारा दिये गए ज्ञापन की किसी भी मांग को शामिल किया गया। भाजपा विधायकों द्वारा इस पर अपना असंतोष स्पष्ट रूप से प्रगट किया गया।

*बॉक्स आइटम*
*आप पार्टी के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के साथ किया अभद्र व्यवहार और हाथापाई*

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आज जब वे भाजपा विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आतिशी को मार्शलों के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने के बाद बैठक से बाहर आये तो सचिवालय परिसर में पहले से ही उपस्थित आम आदमी पार्टी के विधायकों और असामाजिक तत्वों ने मुख्यमंत्री आतिशी की मौजूदगी में उनके साथ दुर्व्यवहार किया और हाथापाई की।

गुप्ता ने बताया कि इसके बाद वो मुख्यमंत्री आतिशी के साथ उपराज्यपाल से मिलने राज निवास गए। एलजी से मिलकर जब वो बाहर आ रहे थे तो राज निवास के बाहर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायक कुलदीप कुमार, जरनैल सिंह और रोहित महरोलिया ने असामाजिक तत्वों के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन पर हमला कर दिया। इन दोनों घटनाओं की शिकायत दिल्ली पुलिस से करते हुए उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मार्शलों के मुद्दे पर सरकार का संवेदनहीन और उपेक्षा पूर्ण रवैया आज की बैठक में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा इन मार्शलों को नौकरी पर पुनः बहाल करने के लिए कृतसंकल्प है और इसके लिए उनसे जो भी बन सकेगा वह करेंगे। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता किसी भी सूरत में उन्हें नौकरी पर बहाल नहीं करना चाहते हैं और इसीलिए जानबूझकर इस इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए इसमें रोड़ा अटका रहे हैं और मार्शलों की आवाज़ सदन में उठाने वाले भाजपा विधायकों के साथ बदसलूकी और हमला कर रहे हैं, जो कि अत्यंत ही चिंता का विषय है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम सरकार को इन मार्शलों को पुनः नियुक्त करने पर मजबूर कर देंगे और हर हालत में इन्हें नौकरी पर बहाल करने और उन्हें नियमित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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