भाजपा शासित निगम के पास लगभग एक महीने का वक़्त है बाकी.. ऐसे में MCD के स्टॉफ की मांगों की होगी भरपाई??? या फिर से उन्हें….क्या कुछ होने वाला है लीजिए अबतक की पूरी अपडेट….
राज्य चुनाव आयोग सूत्र के मुताबिक दिल्ली नगर निगम चुनाव की तैयारियां आयोग द्वारा बड़े स्तर पर चल रही है। सूत्र बताते हैं कि मार्च के शुरुआत में ही चुनाव की घोषणा हो सकती है। ऐसे में आचार संहिता लग जाएगी और उसके बाद निगम से संबंधित कोई भी बड़ी घोषणा या कार्य नहीं होंगे।
उधर निगम के स्टाफ की बात करें तो हर ग्रुप का कर्मचारी अपने डिमांड के पूरे होने की राह बीते कई सालों से देख रहा है। कर्मचारियों की माने तो अबतक उन्हें केवल आश्वासन से ही अपना पेट भरना पड़ रहा है।
जहां तक सफाई कर्मचारियों की बात है तो 96 से 98 के लेफ्ट आउट कर्मचारियों को पक्का करने के बाद अभी तक आगे के कर्मचारियों को लेकर कोई ठोस काम नहीं शुरू हुआ। लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बात करें तो वहां तो 96 से 98 के लेफ्टआउट कर्मचारियों की फाइल अभीतक अटकी पड़ी है तो आगे की उम्मीद कोई क्या करें।
ऐसा ही कुुुछ हाल डेथ केस से जुड़े कर्मचारियों के परिजनों का भी है। उनका भी यही कहना है कि 5 परसेंट का जो डेथ केस का कोटा होता है ।उसे लेकर भी कई कर्मचारी न जाने कितने सालों से अब तक इंतजार ही कर रहे हैं।चाहे वह किसी भी श्रेणी या विभाग के कर्मचारी हों।
उधर निगम के डीबीसी कर्मचारियों की बात करें तो उनके पदनाम के लिए निगम द्वारा हाउस से एक प्रस्ताव पास करके दिल्ली सरकार तो भेजा दिया गया लेकिन उसके बाद उसका क्या हुआ उसकी जानकारी अभी तक निगम के किसी भी नेता या अधिकारी के पास नहीं है। डीबीसी के पदनम को लेकर जहां भाजपा के पार्षद सारी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डाल रहे हैं। तो वहीं आम आदमी पार्टी के पार्षदों का यही कहना है कि भाजपा शासित निगम ने डीबीसी की फ़ाइल दिल्ली सरकार भेजकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है। फ़ाइल को लेकर आगे क्या कुछ अपडेट है उसकी कोई भी भाजपा नेता सुध लेने को राजी नहीं है।
वही निगम के नाला बेलदारों का भी यही कहना है कि सालों से उनकी फाइल केवल एक विभाग से दूसरे विभाग घूमती रहती है लेकिन अब तक उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा है। साथ ही स्कूलों में कार्यरत 188 चौकीदार भी अब तक इसी इंतजार में है कि कब उन्हें पक्का किया जाएगा ।वही स्कूलों में लगे सफाई कर्मचारी जो अदर देन डेम्स की श्रेणी में आते है वे भी सालों से अपने पक्के होने की राह देख रहे हैं। उनके मुताबिक निगम ने उनकी डिमांड को दरकिनार कर दिया है।यही हाल निगम के मालियों का भी है।
उधर निगम के शिक्षकों की हालत भी किसी से छुपी नहीं। उनके मुताबिक निगम द्वारा लगातार सभी शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जाता है।जहां सभी निगम स्टॉफ की सैलरी दे दी जाती है तो वहीं शिक्षकों को कई महीने इंतजार करवाया जाता है।
बता दें कि निगमकर्मियों से संबंधित मांगो की पूरी लिस्ट तैयार कर ली गई है जिसे लेकर नॉर्थ एमसीडी के शिक्षकों के साथ साथ सभी पीड़ित निगमकर्मी जल्द अनिश्चितकालीन धरने पे जाने की घोषणा भी कर चुके है। मांगो का विवरण इस प्रकार है…
1. शिक्षकों 2 माह की बकाया सैलरी दी जाए
2. शिक्षकों के लाखों रुपए के बकाया एरियर्स दिए जाएं।
3. 4 माह का बकाया दिवाली बोनस दिया जाए।
4. नवचयनित 84 शिक्षकों के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के कार्य को शुरू किया जाए।
5. 2019 में लगे शिक्षकों के प्रोबेशन को टाइम बाउन्ड क्लियर किया जाए।
6. रिटायर कर्मचारियों का बकाया रुपया दिया जाए।
7. रिटायर कर्मचारियों की पेंशन रिटायर होने के अगले महीने शुरू की जाए।
8. रिटायर कर्मचारियों को समय से पेंशन दी जाए।
9. कोरोना महामारी में दिवंगत शिक्षक साथियों के परिजनों को उनका बकाया रुपया दिया जाए। उनके एक परिजन को नौकरी दी जाए। CD डिपार्टमेंट ने ऑब्जेक्शन लगाकर उनकी फाइलें वापिस भेज दी हैं।
10. DDMA एक्ट मैं ड्यूटी कर रहे हमारे निगम शिक्षकों को रिलीव किया जाएं
11. प्रिंसिपल प्रमोशन लिस्ट LAC पर नहीं परमानेंट निकाली जाए।
12. स्कूल इंस्पेक्टर की वेकेंसी निकाली जाए।
13. जोनों मैं क्लर्कों की खाली वेकेंसी भरी जाएं।
14. स्कूलों में चौकीदार, अटेंडेंट, सफाई कर्मियों के खाली पद भरे जाएं
15. नरेला जोन के शिक्षकों का 5 साल का बकाया चिल्ड्रन अलाउंस दिया जाए।
16. नई पेंशन स्कीम में कार्यरत शिक्षकों का NPS का पैसा हर माह समय से जमा हो। सभी NPS शिक्षकों का पैसा डेढ़ डेढ़ साल से विभाग के जमा है जिसे हर माह शिक्षकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
17. शिक्षकों को अपने निजी फोन में हाजिरी एप डाउनलोड करने के लिए जबरन बाध्य किया जा रहा है जबकि यह एप शिक्षकों की निजता का हनन है। विभाग को अगर यह एप डाउनलोड करवानी है तो व्यवस्था दे दिल्ली सरकार के शिक्षकों की तरह हमें भी टैब और इंटरनेट खर्च की सुविधा दें।