आज लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) ने दिल्ली के नगर निगमों की उपलब्धि पर ’कर्मनिष्ठा दिल्ली नगर निगम’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर आदेश कुमार गुप्ता (अध्यक्ष-दिल्ली भाजपा), डॉ. विनय सहस्रबुद्धे (सांसद-राज्यसभा, अध्यक्ष-आईसीसीआर), मीनाक्षी लेखी (राज्य मंत्री – विदेश मंत्रालय),दुष्यंत कुमार गौतम (राष्ट्रीय महामंत्री-भाजपा, सांसद-राज्यसभा), रामवीर सिंह बिधूड़ी (नेता प्रतिपक्ष-दिल्ली विधानसभा) और सांसद गौतम गंभीर, हंसराज हंस, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, रमेश बिधूड़ी और पीपीआरसी के निदेशक डॉ. सुमीत भसीन मौजूद थे।
रिपोर्ट जारी करने के दौरान दिल्ली के माननीय मेयर श्री श्याम सुंदर अग्रवाल और श्री मुकेश सूर्यान, समिति के सदस्य और कई अन्य राजनीतिक प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। डॉ. सुमीत भसीन, निदेशक, पीपीआरसी ने कहा कि दिल्ली के अनुभवो का हमारा अध्ययन एक निरंतर प्रक्रिया है – जिसमें हमने एक अनूठा दृष्टिकोण अपनाया है। हमें एक दशक से अधिक के कार्यों का विशलेषण किया हैं और दिल्ली के नगर निगमों के शासन परिदृश्य में बदलाव को समझने का प्रयास किया हैं। ‘दिल्ली टैंजिबल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट’ शीर्षक नामक रिपोर्ट तैयार करने के दौरान पीपीआरसी शोधकर्ताओं ने जमीन पर काम किया, विशेषज्ञों के साथ बातचीत अपनी सिफारिशें दी, जिन पर बाद में नगर निगमों ने विचार किया। उन्होंने कहा कि 9 वर्षों की अवधि में एमसीडी ने पीपीआरसी द्वारा सुझाई गई सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया और दिल्ली के नागरिको के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. भसीन ने एमसीडी के राजस्व में बढ़ोत्तरी को लेकर ’विंडो टू वंडर’ की अवधारण पर बात की, जो चीन के प्रयास से प्रेरित है। डॉ. भसीन ने स्वच्छता, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य, जल-जमाव, यातायात जैसे मुद्दों पर भी जोर दिया, उन्होंने कहा कि अब इसी तरह के मुद्दों को उठाया जा रहा है और वास्तव में प्रदूषण के कारण दिल्ली में स्थिति खराब हो गई है। यह एक वास्तविकता है और दिल्ली के लोगों के लिए एक सतत चुनौती भी है। इसके बाद पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया जिसमें नगर निगमों की उपलब्धि की झलक दी गई, जिसमें बताया गया कि कैसे दिल्ली एमसीडी स्थानीय शासन का चेहरा बन गए हैं, और इस दौरान स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, पार्किंग व्यवस्थित, कचरे प्रबंधन, कोविड रोकथाम जैसे मुद्दों पर कार्य किया गया।
डॉ विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि पीपीआरसी ने घोषणापत्र की समीक्षा से लेकर विभिन्न मुद्दों की पहचान करने और उनके समाधान प्रदान करने के लिए अध्ययन किए हैं। शासन के महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखकर, शासन के उन क्षेत्रों का पता लगाया है जिनके लिए नयी पहलों की आवश्यकता है। डॉ. सहस्रबुद्धे ने कहा कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का रवैया हमेशा प्रचार की राजनीति से प्रेरित रहा है। डॉ. सहस्रबुद्धे ने आगे कहा कि दिल्ली एमसीडी ने सुशासन के मामले में बहुत कुछ हासिल किया है, जिसमें उन्होंने एक उल्लेखनीय शासन मॉडल प्रदान करके दिल्ली में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को आसान बनाने और जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा एमसीडी की प्रभावशीलता को पंगु बनाने के उद्देश्य से धन हस्तांतरित करने में देरी की जाती है। फिर भी एमसीडी ने दिल्ली के लोगों की सेवा करने का हर संभव प्रयास किया है। लंबे समय से लंबित रानी झांसी फ्लाईओवर को एमसीडी पूरा किया गया, शाहदरा झील का सौंदर्यीकरण किया गया, जो अब एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। अपशिष्ट निपटान के लिए 10000 मीट्रिक टन कचरे को संयंत्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है। उसी कचरे का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने और संबद्ध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। एमसीडी द्वारा वैज्ञानिक उपायों को शामिल करके सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित किया गया है और एमसीडी द्वारा किए गए प्रयासों के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित 70 प्रतिशत मामलों को कम किया गया है। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के लिए शहर को तैयार करने के लिए एमसीडी द्वारा चिकित्सा बुनियादी ढांचे को तैयार किया गया है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि ’दिल्ली एमसीडी कार्तव्यनिष्ठ भी है और कर्मनिष्ठ’ भी है।
मीनाक्षी लेखी ने बेहतर तरीकों के साथ बेहतर शिक्षा प्रदान करने में एमसीडी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में बताया।दिल्ली के एमसीडी स्कूलों में दिल्ली के छात्रों के सीखने के परिणाम को बढ़ाने के लिए विज्ञान क्लब, स्मार्ट क्लासरूम, 30 उत्कृष्ट विद्यालय, 185 प्रतिभा विद्यालय आदि हैं। दिल्ली के लोगों की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूल के बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि एसडीएमसी हर वार्ड में एक स्मार्ट स्कूल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को लागू कर रहा है जो अंकगणित विज्ञान या रोबोटिक्स पर आधारित ज्ञान प्रदान कर सकता है।यह एमसीडी की कर्मनिष्ठा है जिसने दिल्ली में रहने वाले लोगों के जीवन को बहुत प्रभावी तरीके से बदल दिया है। श्रीमती लेखी ने कहा कि ओपन जिम और एलईडी स्ट्रीट लाइट को सबसे पहले दिल्ली के एमसीडी द्वारा देश में लगाया गया है, जिसने देश के बाकी हिस्सों में भी इसे दोहराने का मार्ग प्रशस्त किया है।
गौतम गंभीर ने दिल्ली में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए दिल्ली में एमसीडी द्वारा की गई पहलों के बारे में बताया, जिससे शहर में प्रदूषण को कम करने में मदद मिली, जिससे दिल्ली के लोगों के लिए ’ग्रीनडे’ गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम ने गाजीपुर साइट पर भेजे जा रहे कुल कचरे में 600 मीट्रिक टन प्रति दिन की कमी की है, जो कुल मिलाकर 216,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (40 फीट) है। श्री गंभीर ने यह भी कहा कि एसडीएमसी को 5 मई, 2018 को “खुले में शौच मुक्त“ निगम क्षेत्र घोषित किया गया था और सार्वजनिक शौचालय परिसरों और सामुदायिक शौचालय परिसरों के निर्माण के संबंध में अखिल भारतीय रैंकिंग में 11 वें स्थान पर था।
हंसराज हंस ने कुछ शायरी के माध्यम से केजरीवाल के असफल शासन मॉडल पर प्रकाश डाला और इसकी तुलना एमसीडी के प्रदर्शन से की जो स्थानीय स्तर पर शासन का असली चेहरा हैं। उन्होंने आगे कहा डंप साइट की ऊंचाई और क्षेत्रफल में कमी करने में एमसीडी की भूमिका के बारे में बात की, जिससे डंप साइट के क्षेत्र और ऊंचाई में कमी आई। उन्होंने कहा कि नगर निगमों के प्रयासों के कारण निगम की इस कार्रवाई से 11 मीटर ऊंचे पहले टीले (पूरी तरह से साफ कर दिया गया है) के 14.90 एकड़ क्षेत्र को साफ किया गया है और दूसरे टीले की सफाई का कार्य प्रगति पर है। स्वच्छ ऊर्जा के बारे में बात करते हुए श्री हंस ने कहा कि एनडीएमसी ने 1,77,015 एलईडी लाइटें लगाई हैं और 164 स्कूल स्थलों पर कुल 1170 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र सफलतापूर्वक स्थापित किए हैं।आप सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “तुम्हे तुम्हारा झूठ मुबारक, हमें हमारा काम मुबारक“ और सभी से एमसीडी द्वारा जमीनी स्तर की उपलब्धियों के बारे में इस रिपोर्ट को देखने का अनुरोध किया।
रमेश बिधूड़ी ने स्वच्छ दिल्ली और प्रदूषण के मुद्दों को लेकर की गयी पहलों पर नगर निगमों की भूमिका के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि एसडीएमसी को 5 मई, 2018 को “खुले में शौच मुक्त“ घोषित किया गया था। श्री रमेश बिधूड़ी ने यह भी कहा कि एसडीएमसी 6000 से अधिक पार्कों की देखभाल कर रही है, 1 लाख पेड़ और 1.5 लाख हरी झाड़ियाँ लगाईं, 75 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे और 123 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए, जिससे प्रतिवर्ष 1.65 लाख लीटर पेट्रोल और डीजल की बचत हुई। इसके अलावा, शहर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए, एसडीएमसी ने दिल्ली में पहली स्वचालित पहली पार्किंग का निर्माण किया है जिसमें एकबार में 246 वाहन बैठ सकते हैं।
प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का 13000 करोड़ रुपये बकाया है, इसके बावजूद एमसीडी ने अपने लक्ष्य हासिल किये है। निगम ने पार्कों में 3,72,722 एलईडी लाइट और 108 हाई मास्ट और एलईडी लाइटें लगाई हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह दिल्ली के एमसीडी को देश में शीर्ष रैंकिंग एमसीडी के रूप में मान्यता देते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य देखभाल के मुद्दे को लेकर माता गुजरी अस्पताल की स्थापना की गई है। श्री वर्मा ने यह भी कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन स्थापित करने के लिए आवासीय और औद्योगिक भवनों के मानचित्रों के अनुमोदन के लिए एकल खिड़की अनुमोदन प्रणाली बनाई गई थी। टैगोर गार्डन में एक विज्ञान संग्रहालय स्थापित किया गया है जो बच्चों की क्षमता और ज्ञान को बढ़ा रहा है। बजट की कमी के बावजूद, एमसीडी अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि आप के नेतृत्व वाली सरकार ने यमुना नदी में प्रदूषण के मुद्दे की उपेक्षा की। जहां आप के नेतृत्व वाली सरकार ने छठ पूजा की अनुमति नहीं दी, वहीं दिल्ली के एमसीडी ने छठ पूजा के भक्तों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट दिल्ली के एमसीडी द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताती है।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने समापन भाषण में कहा की दिल्ली के एमसीडी द्वारा किए गए कार्यों को लेकर पीपीआरसी टीम द्वारा किया गया मूल्यांकन के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने केंद्र सरकार से दिल्ली एमसीडी में संशोधन करने को भी कहा, ताकि फंड सीधे नगर निगम के रिजर्व में ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि, एमसीडी ने लगभग 900 जल संचयन प्रणाली, पार्कों में 500 से अधिक छिड़काव सिंचाई प्रणाली स्थापित की है और विभिन्न खेल के मैदानों और पार्कों में 3 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं।