केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को ईवी कैपिटल बनाने के उद्देश्य से आज ई-साइकिल पर भी सब्सिडी देने का ऐतिहासिक घोषणा की है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवासियों को बधाई। आज हम प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।दिल्ली सरकार की बेहद सफल ई-वाहन सब्सिडी नीति का दायरा ई- साइकिल तक बढ़ाया जा रहा है। ई-साइकिल से दिल्लीवासियों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का इस्तेमाल कम करने में मदद मिलेगी।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि ई-साइकिल पर सब्सिडी देने वाला दिल्ली, देश का पहला राज्य बना गया है। अभी तक देश के किसी राज्य ने ई-साइकिल को अपनी पॉलिसी में शामिल नहीं किया है। केजरीवाल सरकार पहले 10 हजार ई-साइकिल की बिक्री पर प्रति ई-साइकिल 5500 रुपए की सब्सिडी देगी और इनमें से पहले खरीदी गई एक हजार ई-साइकिल पर दो-दो हजार रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देगी।
वहीं, कार्गो के लिए पहले खरीदी गई 5 हजार ई-साइकिल पर 15-15 हजार रुपए तक सब्सिडी दी जाएगी। ई-कार्ट खरीदने पर अभी व्यक्तिगत के नाम पर सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब कंपनी को भी 30 हजार रुपए सब्सिडी दी जाएगी। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे 45900 इलेक्ट्रिक वाहनों में 16 हजार से अधिक दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन हैं और दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन 10 फीसद से बढ़कर 12.6 फीसद हो गया है। वहीं, डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि अब ई-साइकिल सेगमेंट भी ईवी पॉलिसी का हिस्सा होगा। अभी तक दो, तीन और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन ही ईवी पॉलिसी में शामिल थे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रेसवार्ता करके बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार का विजन दिल्ली को इलेक्ट्रिक व्हीकल का गढ़ बनाना है। पिछले तीन महीने से हर रोज इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री लगातार बढ़ती रही है। उसमें मोटरसाइकल और स्कूटर की संख्या काफी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री में मोटरसाइकिल-स्कूटर की बिक्री 36 प्रतिशत है। अभी तक 45 हजार 900 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि जब हमने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की शुरुआत की थी, तब शुरुआती टारगेट रखा था कि आने वाले 4 साल में 25 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रिक वाहनों का होना चाहिए। करीब ढाई साल पहले यह एक से दो प्रतिशत था। जो अब मार्च में 12.6 फीसदी तक पहुंच गया है। ऐसे में इसके लिए सभी दिल्लीवासी बधाई के पात्र हैं। बैट्री से चलने वाले वाहनों की बात करें तो पूरी दुनिया में आज तक सबसे ज्यादा साइकल बेची गई हैं।
परिवहन मंत्री ने कहा कि दिल्ली, पूरे देश में पहला राज्य है जो अब ई-साइकिल पर सब्सिडी देगा। व्यक्तिगत इस्तेमाल (पैसेंजर श्रेणी) के लिए पहली 10 हजार ई-साइकिल पर 5500 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसको और बढ़ावा देने के लिए जो पहली हजार ई-साइकिल पर दो हजार रुपए का अतिरिक्त इंसेंटिव मिलेगा। ऐसे ही व्यावसायिक उद्देश्य (कार्गो श्रेणी) की ई-साइकिल भारी होती है। उनके लिए पहली पांच हजार ई-साइकिल की खऱीद पर 15 हजार रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि अभी तक ई-कार्ट अकेले खरीदने पर सब्सिडी थी। अब अगर कंपनी और कॉरपॉरेट हाउस लेगा तो उसको 30 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को एक ही ई-साइकिल पर सब्सिडी मिलेगी। उसके लिए दिल्ली का निवासी होना जरुरी है। आधार कार्ड से उसको लिंक किया जाएगा। पैसेंजर ई-साइकिल सिंगल चार्ज में 45 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। ई-साइकिल पर सब्सिडी से खरीदने वाले को काफी रूची पैदा होगी। हम ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक साइकिल दिल्ली की सड़कों पर उतार सकेंगे।
मंत्री ने कहा कि जितनी भी ई-साइकिल हैं, इनकी स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा से कम होगी। इससे ज्यादा जो होंगी वह इसमें क्वालिफाई नहीं करेंगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी के तहत अभी तक 59.44 करोड़ रुपए सब्सिडी दे चुके हैं।
डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए ई-साइकिल सेगमेंट को ईवी पॉलिसी से जोड़ा है। पहले दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया तक शामिल थी। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसें और ऑटो शामिल थे। ग्लोबल ट्रेड को देखें तो जहां-जहां इलेक्ट्रिक व्हीक्लस आ रहे हैं, दिल्ली में सबसे पहले आए है। ई-साइकिल का सेंगमेंट आज तक देश के किसी भी राज्य ने अपनी पॉलिसी में शामिल नहीं किया है। इसके अलावा ना ही केंद्र सरकार की तमाम पॉलिसी में ई-साइकिल पर कोई सब्सिडी है। एक हिसाब से दिल्ली पहला राज्य बनेगा जो ई-साइकिल को बढावा देगा। अब तक एक बहुत छोटा वर्ग इसका इस्तेमाल करता था लेकिन अब मेन स्ट्रीम का काम हम करने वाले है। इसमें खास तौर पर डिलीवरी सेंगेमेंट से जुड़े लोगों को रोजगार में बहुत बड़ा फायदा होगा। फूड डिलीवरी से जुड़े वर्ग को अब महंगे दो पहिया वाहन नहीं खरीदने पड़ेंगे। केवल ई-साइकिल से 40-50 किलोमीटर का सफर कर अपना काम कर सकेंगें।