रुद्राक्षम अवार्ड्स व अरंगेत्रम समारोह हुआ सम्पन्न..सांस्कृतिक कलाकारों के साथ एमसीडी के अधिकारी भी हुए सम्मानित , खुश हुए मुख्य अतिथि आईएएस रणबीर सिंह.. कहा उम्मीद से कही ज्यादा बढ़कर था कार्यक्रम ….
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रविवार को दिल्ली तमिल संगम में रूद्राक्षम अवॉर्ड्स व अरंगेत्रम कार्यक्रम का सुंदर आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने शिरकत की।
कार्यक्रम में सीसीआरटी के डायरेक्टर ऋषि कुमार वशिष्ठ, जानी मानी भरतनाट्यम नृत्यांगना विदुषी आचार्य जयलक्ष्मी ईश्वर , रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी वी रंगनाथन, जनरल सेक्रेटरी दिल्ली तमिल संगम, एन कन्नन बतौर अतिथि के तौर पर हिस्सा बने।
कार्यक्रम की शुरुआत मृदंगम अरंगेत्रम से हुई जिसमें दिल्ली के जाने माने मृदंगम वादक पी वेत्री भूपति के शिष्य महादेवन ने मृदंग बजाकर सभागार में बैठे सभी दर्शकों को मोहित कर दिया।
कर्नाटिक गायक आदर्श एम नायर ने अपनी पहली प्रस्तुति वातापी गणपतिम भजे हम’ गाकर दी जिसके बाद कई और खूबसूरत गाने कर्नाटिक शैली में प्रस्तुत किये गए जिसे सभागार में बैठे सभी दर्शकों ने खूब पसंद किया। वायलिन पर अरविंद नारायणन, घट्टम पर वरुण राजशेखरन और खनजीरा पर एम श्रीराम ने बेहतरीन संगत किया।
कार्यक्रम के दौरान रूद्राक्षम अवॉर्ड्स का भी आयोजन हुआ। बता दे रूद्राक्षम संस्था बीते कई सालों से अपने अपने क्षेत्रों में बड़ा नाम हासिल कर चुके कलाकारों और महारथियों को अवार्ड देकर सम्मानित करता आ रहा है जिसमें यह छठा सम्मान समारोह था।
रूद्राक्षम संस्था ने दिल्ली नगर निगम में बतौर उद्यान विभाग के निदेशक के तौर पर काम कर रहे राघवेंद्र कुमार सिंह को “हरित रत्न विभूषण” उपाधि से सम्मानित किया। साथ ही वाराणसी के चर्चित युवा सितार वादक श्याम रस्तोगी को “तंत्री नाद मणि” उपाधि से सम्मानित किया है तो वहीं कर्नाटक गायक पीबी कन्न कुमार को “स्वर श्रुति सम्राट” उपाधि देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि रणबीर सिंह ने कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि यह आयोजन उनकी उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़कर रहा।सिंह ने कहा कि रुद्राक्षम के संस्थापक पी वेत्री भूपति तालवाद्य व अन्य क्षेत्र के कलाकारों को प्रोत्साहित करने का जो बेहतरीन कार्य कर रहे है वो प्रशंसनीय है। सिंह ने सभी कलाकारों व सम्मानित हुए लोगों को अपनी तरफ से बधाई दी।
रुद्राक्षम संस्था के संस्थापक व लोकप्रिय मृदंगम वादक पी वेत्री भूपति ने कहा कि वे अभीतक कुल 13 मृदंगम अरंगेत्रम करा चुके है जिसे हमेशा संगीत जगत के धुंरंधरों ने सराहा है। उन्होंने बताया कि अरंगेत्रम एक पारंपरिक विधा है जिसके जरिए गुरु शिष्य परम्परा को दर्शाया जाता है। साथ ही इसे गुरु द्वारा अपने काबिल शिष्य को संगीत के क्षेत्र में उतारने का पहला पड़ाव भी कहा जाता है।
वहीं रुद्राक्षम अवार्ड्स के बारे में बताते हुए भूपति ने कहा कि वे अपने पूर्वज व संगीत जगत के महारथियों को समर्पित करते हुए बीते कई सालों से ये सम्मान समारोह कराते आ रहे है। अबतक वे कुल 21 रुद्राक्षम अवार्ड से कई प्रख्यात लोगों को सम्मानित कर चुके है जिसमें पदम विभूषण सरोजा वैद्यनाथन, पद्मश्री डॉक्टर लीला ओमचेरी, पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना, उस्ताद राशिद मुस्तफा थिरकवा, कलैमामनी विद्वान वी जी बाल सुब्रमण्यन आदि का नाम शामिल है।