बजाते रहो न्यूज़
असल में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 कि जो रिपोर्ट आई है उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी से एमसीडी प्रभारी व विधायक दुर्गेश पाठक ने एमसीडी की सफाई व्यवस्था पर कई तरह के सवाल उठाएं। उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 सालों के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली लगातार ऊपर से नहीं बल्कि नीचे से शीर्ष 10 में अपना स्थान बना रही है। यह बहुत शर्म की बात है।आज 45 शहरों में दिल्ली सबसे नीचे 37वें स्थान पर आई है। इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, खुद प्रधानमंत्री यहां रहते हैं। पूरी दुनिया के जितनी भी राजदूत हैं, वह सभी लोग दिल्ली में रहते हैं। दुनिया में जब भारत का नाम लिया जाता है तो उसके साथ राजधानी दिल्ली का नाम भी लिया जाता है।
दुर्गेश पाठक के इस बयान पर अपनी तरफ से जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दुर्गेश पाठक का इस तरह का बयान सीधे दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के अपमान करने जैसा है क्योंकि साफ सफाई की बेहतरीन तरीके से दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं बावजूद इसके पाठक का इस तरह का बयान बहुत ही ज्यादा निंदनीय है।इन 8 सालों में आम आदमी पार्टी ने खासकर दुर्गेश पाठक ने अनेक बार मेहनतकश सफाई कर्मियों की मेहनत का अपमान किया है जबकि उन्ही की मेहनत का नतीजा है की दिल्ली एक रहने लायक शहर है।
प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है की जिस बेशर्मी से आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक दिल्ली की सेनिटेशन रैंकिंग का मुद्दा उठाते हैं उसे देख अचम्भा होता है। दिल्ली सबका का शहर है, यह अच्छा बने स्वच्छ रहे यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। विगत लगभग 8 वर्ष से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार है जिसका दुर्गेश पाठक भी एक प्रमुख भाग हैं।
क्या दुर्गेश पाठक यह बता सकते हैं की गत 8 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को बेहतर एवं स्वच्छ शहर बनाने के लियें नगर निगम को क्या अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराये। यह खेद का विषय है की शहर की बेहतरी में अतिरिक्त संसाधन देना तो दूर अरविंद केजरीवाल सरकार ने तो विगत 8 साल से लगातार हर वर्ष ना सिर्फ दिल्ली नगर निगमों के स्वच्छता फंड में कटौती की बल्कि केन्द्र से मिलने वाले फंड्स को रोका।
इन 8 सालों में आम आदमी पार्टी ने खासकर दुर्गेश पाठक ने अनेक बार मेहनतकश सफाई कर्मियों की मेहनत का अपमान किया है जबकि उन्ही की मेहनत का नतीजा है की दिल्ली एक रहने लायक शहर है।
यह कहना अतिशयोक्ति ना होगा की यदि दिल्ली शहर स्वच्छता अभियान में पिछड़ा है तो इसके लियें फंड कटौती की अरविंद केजरीवाल सरकार की नीति जिम्मेदार है।