बजाते रहो न्यूज़
दिल्ली के उपराज्यपाल, विनय कुमार सक्सेना ने आज सराय काले खां स्थित बांसेरा पार्क से दिल्ली नगर निगम के महत्वाकांक्षी ‘प्लास्टिक को हराने के लिए 100 दिन’ (100डेज टू बीट प्लास्टिक) अभियान का शुभारंभ किया।
उपराज्यपाल महोदय ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को दैनिक जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल ना करने की शपथ भी दिलाई। दिल्ली नगर निगम द्वारा इस अनूठे अभियान की शुरुआत निगम क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।
इस दौरान उपराज्यपाल ने अभियान के शुभंकर-निवारण दादी भी जारी किया। प्लास्टिक के खिलाफ इस 100 दिवसीय अभियान का समापन 22 अप्रैल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के मौके पर होगा।
अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्य सचिव, नरेश कुमार, डीडीए के वाइस चेयरमैन, शुभाशीष पांडा, निगमायुक्त, ज्ञानेश भारती, प्लागमैन के नाम से मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता, रिपुदमन बेलवी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि अब प्लास्टिक के दुष्प्रभावों की चर्चा करने की जरूरत नहीं है, इसके दुष्प्रभाव जगजाहिर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां जमा होने का मकसद यह है कि हम सब दिल्ली को कैसे प्लास्टिक मुक्त बनाएं। उपराज्यपाल महोदय ने कहा कि कोई भी योजना जनभागीदारी के बिना सफल नहीं होती। मुझे इस बात की खुशी है कि आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के लोगों ने दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। हम निश्चित ही इस प्रयास में सफल होंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली को हर साल जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके लिए प्लास्टिक भी बहुत हद तक जिम्मेदार है।
उपराज्यपाल ने कहा कि मेरा विजन है कि दिल्ली खूबसूरत शहर बने और इसके लिए अधिक से अधिक प्रयास हो रहे हैं। निगम औैर पीडब्ल्यूडी की सड़कें साफ हो रही हैं। अभी हमें काफी काम करना है। उपराज्यपाल ने कहा कि अगर हम लोग सब्जी वाले, दुकान वाले और अन्य लोगों से प्लास्टिक थैला लेना बंद कर देंगे तो यह समस्या अपने आप ही खत्म होने लगेगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली जीरो वेस्ट के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। हमने अब तक 120 आरडब्ल्यूए को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है। कूड़े की पहाड़ भी कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाने के लिए हम सभी को एकजुटकर होकर काम करने की जरूरत है।
निगमायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक हम सभी के सामने एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि दिल्ली रोजोना 11 हजार टन कचरे का उत्सर्जन करती है जिसमें से करीब 10% प्लास्टिक कचरा होता है। निगमायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक हजारों वर्षों में भी डिकंपोज नहीं होता है और यह पर्यावरण को दूषित करता रहता है। सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होने के बाद से निगम ने काफी काम किया है। हालांकि लोगों के पास प्लास्टिक का विकल्प ना होने के चलते ये प्रतिबंध पूर्ण रूप से लागू करने में परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी को आज इस मंच के माध्यम से शपथ लेनी चाहिए कि हम दिल्ली को सिंगल यूज प्लास्टिक मु्क्त बनाएंगे। कार्यक्रम के दौरान ‘100 डेज टू बीट प्लास्टिक’ अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रस्तुत की गई।
इस अभियान के तहत निगम ने प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त करने के लिए सभी दुकानों और बाजारों के गहन निरीक्षण सहित विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई है। इसमें, अभियान के ब्रांड एंबेसडर-प्लॉगमैन ऑफ इंडिया के साथ प्लॉगिंग ड्राइव, कपड़े की थैलियों का वितरण, अधिक संख्या में विकल्प स्टोर खोलना , वॉल आर्ट और प्लास्टिक विकल्प से संबंधित अन्य प्रतिष्ठान, एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रम आदि शामिल हैं। निगम को आशा है कि 100 दिनों का अभियान समाप्त होने पर, दिल्ली प्लास्टिक के विकल्पों के उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी। अभियान के दौरान एमसीडी रणनीतिक तरीके से बाजार, पार्क, होटल/बैंक्वेट को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
अभियान के तहत, एमसीडी स्रोत पर कूड़े के पृथक्करण को बढ़ावा देगी, प्लास्टिक का घर से संग्रहण और ढलावों का उपयोग प्रत्येक वार्ड में पुन: उपयोग, कम करने और पुनर्चक्रण (आर.आर.आर.) सुविधा के लिए किया जाएगा। एमसीडी हर दुकान, कारखाने, व्यवसायिक प्रतिष्ठान का निरीक्षण करेगी और इन क्षेत्रों में एस.यू.पी. मुक्त क्षेत्र की घोषणा के स्टिकर लगाए जाएंगे। चिन्हित स्थानों पर प्लॉगिंग ड्राइव आयोजित की जाएगी और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रिवर्स प्लास्टिक वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। सरकारी संस्थानों, सामुदायिक केंद्रों, पार्कों, कार्यालयों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया जाएगा। एमसीडी प्लास्टिक बैग के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए प्रत्येक बाजार में कम से कम एक विकल्प स्टोर खोलने की योजना बना रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध को लागू करने और होटलों और बैंक्वेट्स में प्लास्टिक कटलरी के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए एमसीडी प्लास्टिक के विकल्पों को प्रोत्साहित करेगी। एमसीडी द्वारा मासिक निरीक्षण किया जाएगा और अनिवार्य अनुपालन के रूप में एसयूपी मुक्त प्रमाणीकरण किया जाएगा।
इस अभियान के जरिए एमसीडी ने सभी पार्कों को प्लास्टिक बनाने का लक्ष्य रखा है। एमसीडी ने फैसला किया है कि सभी एमसीडी पार्कों में प्लास्टिक अपशिष्ठ से बने नेम बोर्ड का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रत्येक पार्क में उचित संख्या में कूड़ेदान लगाए जाएंगे। एमसीडी का जनस्वास्थ्य विभाग लाइसेंस की शर्तों में संशोधन करेगा ताकि होटल, भोजनालयों और रेस्तरां में सिंगल यूज प्लास्टिक, विशेष रूप से प्लास्टिक कटलरी का उपयोग न हो। एसयूपी पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें एसयूपी फ्री घोषित करने के लिए दिल्ली के सभी मॉल की व्यापक मैपिंग की जाएगी। मॉल अथॉरिटी पूरे परिसर में एसयूपी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश जारी करे। मॉल्स के फूड कोर्ट में पुन: प्रयोज्य वस्तुओं और गैर-प्लास्टिक कटलरी का अनिवार्य रूप से उपयोग करना। एमसीडी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को एसयूपी मुक्त परिसर बनाने का लक्ष्य रखेगी। सभी स्कूलों में रोजाना “प्लास्टिक का उपयोग नहीं” करने की शपथ ली जाएगी। एमसीडी पर्यावरण की रक्षा और दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।