बजाते रहो न्यूज़
दिल्ली नगर निगम चुनाव अभी बीते दिसंबर में ही हुआ है।लेकिन निगम के जो हालात बने हैं ऐसे में पूरी आशंकाएं भंग होने की ओर इशारा कर रही है।
इसमे सबसे बड़ा कारण दिल्ली नगर निगम में अभीतक महापौर का नहीं चुना जाना बताया जा रहा है। इस बड़ी वजह से निगम के बहुत सारे ज़रूरी काम भी ठप पड़े हैं।
ज़रूरी कार्यों में एक कार्य है जो सभी चुने गए पार्षदों से जुड़ा है।जानकारी हो कि चुनाव के ठीक बाद सभी पार्षदों को अपनी संपत्ति की पूरी जानकारी लिखित में महापौर को सुपुर्द करनी होती है।ये कार्य शपथ लेने के बाद जल्द से जल्द पूरा करना होता है।
निगम सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार अबतक 108 पार्षदों ने अपनी संपत्ति की लिखित जानकारी निगम सचिव को सौंप दी है। नियम के अनुसार ये जानकारी केवल महापौर को ही सौपना होता है।लेकिन महापौर के चुनाव नहीं होने के कारण डिटेल निगम सचिव के पास जमा हो रही है।
निगम सूत्रों की माने तो संपत्ति की जानकारी निगम सचिव को सौपा जाना एक संवैधानिक विषय बन सकता है। जानकारी मिल रही है कि इस गंभीर विषय पर जल्द ही पीआईएल डालने की भी बात हो रही है।यदि ऐसा हुआ तो निगम भंग होने के आसार बढ़ जाएंगे।