बजाते रहो न्यूज़
*मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने स्कूलों में एसएमसी गठन के लिए तय किए नियम, कमेटी में 16 होंगे सदस्य*
*- मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठन के निर्देश जारी किए*
*- सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के मुताबिक एमसीडी स्कूलों में एसएमसी बदलाव लाने में मदद करेगी- डॉ शैली ओबेरॉय*
*- दिल्ली सरकार की तरह विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए सभी के साथ काम करने के लिए तत्पर है- डॉ शैली ओबेरॉय*
*- केजरीवाल सरकार के स्कूलों के तर्ज़ पर एमसीडी के स्कूलों में भी एसएमसी का गठन सराहनीय कदम- आतिशी*
*- एमसीडी के स्कूलों में एसएमसी का गठन क्रांतिकारी कदम साबित होगा- आतिशी*
*एमसीडी स्कूलों में पेरेंट्स और स्कूल के बीच की दूरियों को समेटेगा एसएमसी- आतिशी*
*- एसएमसी में कम से कम 16 सदस्य होंगे, जिनमें 75% माता-पिता होंगे*
*- एसएमसी सभी बच्चों के दाखिले और उपस्थिति की निगरानी करेगी, स्कूल की जरूरतों और मिड-डे मील कार्यक्रम के कार्यान्वयन की निगरानी करेंगी*
दिल्ली नगर निगम के शिक्षा मॉडल में बदलाव लाने के उद्देश्य से ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने सभी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) के गठन का निर्देश दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल के विजन के मुताबिक एसएमसी, एमसीडी स्कूलों में बदलाव लाएगी। मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए एमसीडी सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मेयर के कदम की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक कदम है। माता-पिता और स्कूल के बीच की खाई को पाटने के लिए एसएमसी एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि सभी एमसीडी स्कूलों में एसएमसी का गठन बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 और दिल्ली के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। एसएमसी सभी बच्चों के दाखिले-उपस्थिति की निगरानी करेगी। स्कूल की जरूरतों और मिड-डे मील कार्यक्रम के कार्यान्वयन में मदद करेगी। मेयर की तरफ से दिए गए आदेश में एसएमसी की संरचना और कार्यों को निर्धारित किया गया है। इसके मुताबिक एसएमसी में 16 से कम सदस्य नहीं होंगे। इनमें से 75 फीसदी बच्चों के अभिभावकों और शेष 25 फीसदी सदस्य स्कूल के प्रमुखों, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय प्रतिनिधि होंगे। स्कूल प्रधानाचार्य एसएमसी के पदेन अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा माता-पिता और सदस्यों में से उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे। समिति के सदस्य शिक्षक, संयोजक के रूप में कार्य करेंगे। समिति दो महीने में कम से कम एक बार बैठक करेगी।
एसएमसी के गठन को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से सभी एमसीडी स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अगर चुनाव कराने की आवश्यकता होगी, तो उसके लिए भी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नए एसएमसी का गठन अधिनियम और नियमों के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दृष्टिकोण के अनुसार एसएमसी, एमसीडी स्कूलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एसएमसी की जिम्मेदारियों में स्कूल के कामकाज की निगरानी करना, स्कूल विकास योजना तैयार करना, उसकी सिफारिश करना और अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना शामिल है। एसएमसी का गठन हमारे स्कूलों में शिक्षा को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हम इस लक्ष्य की दिशा में सभी के साथ काम करने और दिल्ली सरकार के समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।
मेयर शैली ओबरॉय के इस महत्वपूर्ण निर्णय की सराहना करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि एमसीडी के स्कूलों में एसएमसी का गठन एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। ये पेरेंट्स को अपने बच्चों के स्कूलों से जोड़ने, स्कूलों की बेहतरी के लिए सुझाव देने का मौक़ा देगा। एसएमसी दिल्ली की शिक्षा क्रांति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। 2015 से पहले तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स की साझेदारी न के बराबर थी। केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने के बाद पैरेंट्स को स्कूलों से जोड़ने का काम किया गया। एसएमसी के माध्यम से आज दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में पैरेंट्स स्कूलों की बेहतरी के लिए निर्णय ले सकते है,दिल्ली के एसएमसी मॉडल जितना सफल है कोई और मॉडल नहीं है।
शिक्षा मंत्री अतिशी ने कहा कि देश में हर राज्य में एसएमसी का प्रावधान केवल कागजों तक सीमित है लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। दिल्ली की एसएमसी ने जमीनी स्तर पर काम कर यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया है। 2015 में एक जानी-मानी रिसर्च संस्था ने वैश्विक स्तर पर किए अपने रिसर्च में कहा था कि एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वोल्वेमेंट प्रोग्राम चलाना मुश्किल है और ये सफल नहीं होते है लेकिन दिल्ली की एसएमसी ने इसे झुठला दिया है। दुनियाभर में एजुकेशन में कम्युनिटी इन्वोल्वेमेंट के सबसे सफल प्रोग्राम्स में से एक है।
उन्होंने कहा कि एसएमसी ने पेरेंट्स और स्कूल के बीच के गैप को ख़त्म करने का काम किया है। अब एसएमसी का यही मॉडल एमसीडी के स्कूलों में भी अपनाया जाएगा। दिल्ली सरकार के स्कूलों के एसएमसी के अनुभवों के साथ अब एमसीडी के स्कूलों में भी काग़ज़ी नहीं बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करने वाली एसएमसी का गठन एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। यह हर तबके के बच्चे को क्वॉलिटी एजुकेशन देने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के विज़न को पूरा करेगा।