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दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने शिक्षकों को पहले स्कूल समय के दौरान कक्षाएं लेने और उसके बाद निर्वाचन आयोग के अंतर्गत बी.एल.ओ. के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम दोनों के शिक्षा विभागों की कड़ी निंदा की है।
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि पिछले साल तक एम.सी.डी. के शिक्षक जिन्हें चुनाव विभाग में बी.एल.ओ. की ड्यूटी सौंपी जाती थी उनके शिक्षण कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाता था, लेकिन इस वर्ष दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. स्कूल शिक्षकों को पहले स्कूल समय में स्कूल में पढ़ाने और उसके बाद अपना बी.एल.ओ. कर्तव्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
इसके परिणामस्वरूप स्कूल शिक्षकों का पारिवारिक जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है क्योंकि वे अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक वे स्कूल में पढ़ाते हैं और दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक उन्हें चुनाव विभाग के बी.एल.ओ. के रूप में अपनी ड्यूटी निभानी होती है।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि जो शिक्षक बी.एल.ओ. काम शुरू नहीं कर रहे हैं उनको चुनाव कार्यालयों द्वारा ड्यूटी के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई ज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. के इस तानाशाही रवैये के कारण। बी.एल.ओ. को सौंपे गए स्कूल शिक्षकों का एक औसत कार्य दिवस बिना किसी अतिरिक्त वेतन या भत्ते के सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक बढ़ गया है।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि इससे शिक्षण समुदाय को अनुकूल कार्य परिस्थितियाँ देने के शिक्षा मंत्री सुश्री आतिशी के दावों की पोल खुलती है क्योंकि शिक्षक बी.एल.ओ. में शामिल नहीं होते हैं उनको प्रताड़ित किया जा रहा है।
कपूर ने दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. से आग्रह किया है गत वर्ष तक अपनाई गई व्यवस्था को तुरंत बहाल करें जिसके तहत एक शिक्षक जिसे बी.एल.ओ. ड्यूटी दी जाती थी वह अपने स्कूल ड्यूटी के समय में केवल वही काम करती थी।
इस मामले में यदि दिल्ली सरकार और एम.सी.डी. शिक्षकों को शिक्षण कार्य से मुक्त नहीं किया जा सकता तो सरकार को स्वयं चुनाव आयोग को लिखना चाहिए, लेकिन शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए।