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नई दिल्ली, 5 अगस्त :
दिल्ली नगर निगम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर फैसला सुना दिया है। जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल का दिल्ली नगर निगम के एल्डरमैन की नियुक्ति के अधिकार को लेकर अपनी ओर से हरी झंडी दे दिया है।
इस बारे में अपना बयान देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एल्डरमैन नियुक्ति को लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्णय दिया है और इस फैसले का भाजपा स्वागत करती है।
प्रेसवार्ता का संचालन कर रहे प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आशा है अब आम आदमी पार्टी नगर निगम की वार्ड समितियों एवं स्थाई समिति का चुनाव होने देगी।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली में एल्डरमैन की व्यवस्था कोई आज की व्यवस्था नहीं है। यह वर्षों से चली आ रही है और साथ ही दिल्ली में माननीय उपराज्यपाल को संविधान के माध्यम से जो अधिकार मिले हैं, उसे आम आदमी पार्टी लगातार खत्म करने की कोशिश कर रही है लेकिन वह भूल जाते हैं कि दिल्ली में और अन्य राज्यों में अंतर हैं।
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश हैं। बार -बार अभ्रद्र टिप्पणी करना और एक विपरीत माहौल बनाने का काम आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पिछले दो सालों से किया है उसको माननीय न्यायालय ने आज साफ कर दिया।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से संशोधित दिल्ली नगर निगम एक्ट की संवैधानिक व्यवस्थाएं साफ हुईं है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सांसद संजय सिंह की प्रतिक्रिया उनकी हार हताशा के साथ नक्सली सोच का प्रमाण है और भाजपा उनके बयान की कड़ी निंदा करती है।
उन्होने कहा कि संजय सिंह सात साल से सांसद हैं उनको इस बात की जानकारी है कि कौन से क्षेत्र किसके अधिकार क्षेत्र में आते है फिर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना निंदनीय है।
सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी 2013 से सत्ता में है पर आज तक संवैधानिक व्यवस्थाओं को समझते हुए भी स्वीकारने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि खेद का विषय है की आम आदमी पार्टी सरकार चुनाव बहुमत को संवैधानिक व्यवस्थाओं की अवेहलना का हथियार बनाना चाहती है।
उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि जल्दी ही स्टैंडिंग कमेटी,वार्ड समिति के साथ-साथ एडहॉक कमेटियों पर भी विचार किया जा सकता है