बजाते रहो भारत न्यूज़ , नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि आज निगम सदन की बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षदों व मेयर के रवैये से ये साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की निगम सदन को चलाने में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने बताया कि महीने में एक बार निगम सदन की बैठक होती है जिसके अंदर जनता से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए मगर हर बार आम आदमी पार्टी के रवैये के कारण यह बैठक बेनतीजा साबित होती है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की मेयर पहले तो सदन की बैठक में एक घंटा देरी से आयी और आम आदमी पार्टी के पार्षद पहले से ही सदन में आयुक्त और अधिकारियों के ख़िलाफ बैनर लेकर बैठे हुए थे जो यह साफ़ दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी पहले से ही सदन में हंगामे का मन बनाकर आयी थी।
राजा इकबाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी कभी भी निगम सदन में नागरिकों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती और हमेशा हंगामे के बीच एजेंडा पास करती है ताकि विपक्ष किसी चर्चा में हिस्सा ना ले सके। उन्होंने बताया कि निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है उसके बाद भी आम आदमी पार्टी निगम अधिकारियों पर कार्य न करने के आरोप लगा रही है जिससे आम आदमी पार्टी की विफलता साफ़ दिखती है। यह आम आदमी पार्टी की ज़िम्मेदारी है कि निगम की सभी सुविधाएँ नागरिकों को उपलब्ध हो यदि आधिकारी कार्य नहीं कर रहे हैं तो उसके लिए आम आदमी पार्टी स्वयं जवाबदेह है। उन्होंने बताया कि एक महीने में एक बात निगम सदन की बैठक होती है जिस पर लाखो रुपये का ख़र्चा आता है इसके लिए आम आदमी पार्टी की मेयर को जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए कि वो निगम सदन की बैठक का संचालन नहीं कर पा रही है।
राजा इकबाल सिंह ने बताया कि जनता से संबंधित विकास कार्यों को करने के लिए निगम को फंड की ज़रूरत होती है। दिल्ली सरकार पर निगम का 15,000 करोड़ रुपया बकाया है जिसे लेने के लिए भी कभी मेयर ने दिल्ली सरकार से माँग नहीं की इससे यह साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी नागरिकों के लिए कोई विकास कार्य नहीं करना चाहती है। उन्होंने बताया कि निगम सदन में एक घंटा लेट आने, अपने उदासीनता पूर्ण रवैये के लिए व निगम सदन का संचालन सही से नहीं करने के लिए आम आदमी पार्टी की मेयर को जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए।
सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि एक और वर्षा के कारण हो रहे जल भराव पर दिल्ली त्राहि त्राहि कर रही है और दूसरी ओर आप नेता भ्रष्टाचार में जुटे हुए हैं दिल्ली में दलित पार्षद को महापौर बना था लेकिन आम आदमी पार्टी उसका चुनाव नहीं होने दे रही है यह आम आदमी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है । ऐसे में यह समझ से हैं की निगम और दिल्ली में सरकार होने के बावजूद भी आप सरकार और महापौर बहाने बाजी में जुटे हैं जबकि दिल्ली की जनता ने काम करने के लिए सरकार को चुना था। राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा के चार पार्षदों गजेंद्र दराल, पंकज लूथरा, अमित नागपाल और रविद्रर नेगी को सदन से निलंबित करने का भाजपा विरोध करती है यह पूरी तरह असंवैधानिक है क्योंकि भाजपा विपक्ष में होने के नाते महापौर की ड्यूटी को अवगत करा रही है लेकिन महापौर इसे व्यक्तिगत लेकर भाजपा के पार्षदों के निलंबन के आदेश जारी कर रहे हैं। इससे भाजपा जनहित के मुद्दे उठाने पर पीछे नहीं हटेगी चाहे महापौर हमारे सभी पार्षदों को क्यों निलंबित कर दें।