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नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार, कुप्रबंध और अदूरदर्शिता के कारण दिल्ली बोर्ड द्वारा सप्लाई किए जा रहे 58 फीसदी पानी का कोई हिसाब-किताब नहीं है। आधे से ज्यादा पानी या तो चोरी हो रहा है या फिर अव्यवस्था की नजर चढ़ रहा है। दूसरी तरफ दिल्ली की जनता बूंद-बूंद के लिए तरसती नजर आ रही है। दिल्ली सरकार की बदनीयती के कारण ही जल बोर्ड का घाटा 75 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में आज पानी की मांग 1400 एमजीडी तक पहुंच चुकी है लेकिन जल बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार 995 एमजीडी पानी का प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है लेकिन जनता तक पहुंच रहे पानी को जोड़ा जाए तो केवल 421.64 एमजीडी ही है यानी इतने पानी के बिल भेजे जाते हैं। बाकी पानी कहां जाता है, किसी के पास कोई हिसाब नहीं है। इस तरह दिल्ली जल बोर्ड का 58.28 फीसदी पानी रोजाना बर्बाद हो रहा है।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को मुफ्त पानी की सप्लाई के नारे के साथ दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमाया था लेकिन आज स्थिति यह है कि दिल्ली की कुल मांग का 30 फीसदी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है। कई इलाकों में तो कई-कई दिन तक पानी नसीब नहीं हो रहा। कई इलाकों में पानी इतना गंदा आता है कि लोग कैंसर से लेकर लीवर तक की गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। पिछले चार सालों में ही बेहिसाब चोरी 51 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी तक जा पहुंची है। इस दौरान फ्लो मीटर लगाने की बात हुई तो उसमें भ्रष्टाचार के मामले सामने आ गए। 24 घंटे पानी देने का वादा किया गया तो वह भी टांय-टांय फिस्स हो गया। अब बाहरी एजेंसियों को पानी की चोरी रोकने का काम देने की बातें की जा रही हैं।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद 10 सालों में जल बोर्ड भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। 2013 में जल बोर्ड 600 करोड़ के मुनाफे में था और अब घाटा 75 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है। केजरीवाल सरकार के शासन के दौरान जल बोर्ड की इस बुरी हालत पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए क्योंकि इस सरकार ने जल बोर्ड को दिवालिया बना दिया है और जनता को बूंद-बूंद के लिए तरसा दिया है।