मुखर्जी नगर में सीलिंग के खिलाफ व्यापारी, कोचिंग संचालक और छात्र लामबंद, आंदोलन की तैयारी तेज

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मुखर्जी नगर में सीलिंग के खिलाफ व्यापारी, कोचिंग संचालक और छात्र बड़े पैमाने पर लामबंद हो गए हैं। इलाके की आर्थिक हालत और छात्रों के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि दिल्ली के इस इलाके में हजारों छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, और अगर सीलिंग नहीं रोकी गई तो उनका भविष्य अंधकार में पड़ सकता है। उन्होंने सवाल किया कि जब करोल बाग में कोचिंग सेंटर बिना किसी दिक्कत के संचालित हो रहे हैं, तो फिर मुखर्जी नगर में सीलिंग क्यों की जा रही है? सभी क्षेत्रों के लिए नियम समान क्यों नहीं हैं?

सांसद मनोज तिवारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस समस्या को गंभीरता से लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली की मेयर के साथ चर्चा करेंगे। क्रिस्टोफर सर, जो इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, ने बताया कि कोचिंग इंडस्ट्री के नोएडा शिफ्ट होने से दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, साथ ही हिंदी पट्टी से आईएएस और अन्य प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करने वाले छात्रों का मनोबल भी गिरेगा। यह सिर्फ एमसीडी की लापरवाही है, क्योंकि अदालत ने सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी, जबकि सीलिंग शुरू कर दी गई।

रोहित मलिक, जो पिछले 30-35 सालों से मुखर्जी नगर से जुड़े व्यापार का हिस्सा रहे हैं, ने कहा कि इस अचानक फैसले ने स्थानीय व्यापार को ठप कर दिया है। देर शाम व्यापारी, कोचिंग संचालक और स्थानीय लोग एक बड़ी बैठक में एकत्र हुए, जहां यह निर्णय लिया गया कि 11 अक्तूबर को एक विशाल जनसभा आयोजित की जाएगी। इस जनसभा में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को एक प्रस्ताव पारित कर मेमोरेंडम सौंपा जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों की समस्याओं को उठाया जाएगा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजीव सहगल, धीरज खत्री, लोकेश चोपड़ा, सोएब अली जाफरी और अन्य सदस्यों ने बताया कि सांसद मनोज तिवारी ने भरोसा दिलाया है कि वह उपराज्यपाल से मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करेंगे। साथ ही दिल्ली के मेयर और स्थानीय विधायक दिलीप पांडेय से मिलकर एमसीडी से संबंधित समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। जब तक समाधान नहीं निकलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन के कोर कमिटी के मेंबर राजीव सहगल ने बताया की मनोज तिवारी ने आश्वासन दिया है की जल्द दिल्ली के उपराज्यपाल और एमसीडी प्रशासन से मिलकर सीलिंग रोकने का प्रयास करेंगे। यह भी कहा की अब सीलिंग कानून के दायरे में ही होगी, किसी स्थानीय निकाय की मनमानी नहीं चलेगी।

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