एकओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल मीडिया के बढ़ावे पर ज़ोर देते हैं वहीं ठीक उसके विपरीत भाजपा नेता डिजिटल मीडिया पर प्रतिबंध लगाते हैं।
मामला भाजपा शासित पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का है जहां सदन व स्थाई समिति की बैठक कवर करने पर पत्रकारों को रोक दिया गया है।
मालूम हो कि जैसे जैसे निगम चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे भाजपा शासित निगम के भ्रष्टाचारों का खुलासा लगातार हो रहा है। सदन व स्थाई समिति में भ्रष्टाचार के खुलासे विपक्ष द्वारा किये जाते है उसे जनता तक मीडिया खबरों के ज़रिए पहुंचाने का काम करती है। लेकिन पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम उन खुलासों से डरकर इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस पूरे माम्मले के खिलाफ बोलते हुए आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने काले कारनामों छुपाने के लिए साउथ और ईस्ट एमसीडी ने सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने या लाइव चलाने पर रोक लगा दी है। लोकसभा और दिल्ली विधानसभा तक अपनी कार्यवाही लाइव दिखाते हैं, लेकिन भाजपा शासित एमसीडी ने इस पर रोक लगा दी है। सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी के फैसले को लोकतंत्र और पारदर्शिता के मूल नियमों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एमसीडी के इस फैसले की आलोचना करती है। भाजपा शासित एमसीडी अपने काले कारनामों को जनता से छुपाने के लिए ऐसे फैसले ले रही।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुझे यह जानकर काफी हैरानी हुई है कि कल साउथ एमसीडी ने एक तुग़लकी फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक की कार्यवाही को अब कोई भी पत्रकार रिकॉर्ड नहीं कर सकता है। कोई भी पत्रकार उसका लाइव वीडियो नहीं चला सकता है।
इसी तरह का तुग़लकी फरमान ईस्ट एमसीडी ने भी निकाला है कि कोई भी पत्रकार सदन की कार्यवाही की न तो रिकॉर्डिंग कर सकता है और न ही लाइव कर सकता है। यह काफी हैरान करने वाली बात है।
उन्होंने कहा, चाहे लोकसभा हो, चाहे विधानसभा हो, इनकी जो कार्यवाही होती है, हम सभी जानते हैं कि उसको लाइव दिखाया जाता है। लाइव करने का सबसे बड़ा जो कारण है, वह यह है कि सदन में जो भी कार्यवाही हो रही है वह लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों की कार्यवाही है। और लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि उनकी किन-किन समस्याओं को उठा रहे हैं, किन समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं, क्या विकास की योजनाओं पर चर्चा हो रही है, उनका प्रतिनिधि उस पर क्या कह रहा है, लोग यह सब कुछ जानना चाहते हैं।
भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम कार्यवाही की कोई भी रिकॉर्डिंग या लाइव को न तो खुद कर रहा है और न ही किसी पत्रकार को करने दे रहा है। इसका मतलब दाल में कुछ काला है। इसका मतलब है कि वहां पर जरूर कुछ ऐसे काम हो रहे हैं, जिनको भाजपा के लोग नहीं चाहते हैं कि लोगों तक पहुंचे और लोगों तक उनकी सच्चाई पहुंचे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, हम इस कदम की आलोचना करते हैं। यह संभव नहीं है। ऐसा नहीं हो सकता है। किसी भी सदन के पास इस तरह की इजाजत नहीं है कि आप वहां की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने से रोक दें। दिल्ली विधानसभा की पूरी की पूरी कार्यवाही वेबसाइट के माध्यम से और यूट्यूब के माध्यम से लाइव दिखाई जाती है। लोकसभा की कार्यवाही टीवी पर लाइव दिखाई जाती है। तो यह दिल्ली नगर निगम के जो फैसले हैं, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ हैं और पारदर्शिता के जो मूल नियम हैं उनके खिलाफ हैं।