आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रही है। पांच पार्किंग को ई-ऑक्शन से बाहर कर एमसीडी में करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 4 अक्टूबर को पार्किंग के लिए ई-टेंडर निकाला। जिसमें बिना कोई कारण बताए 9 नवंबर को बदलाव किया है। एमसीडी अब न्यूनतम रेट पर पांच मुख्य पार्किंग का उन्हीं लोगों को देगी जो कि अभी तक इनको चलाते आए हैं। इनमें मानसरोवर गार्डन, अजमल खान रोड, करोल बाग, शास्त्री पार्क और ऊषा रोड की मुख्य स्थानों की पार्किंग शामिल हैं। अब एमसीडी को सिर्फ 17 लाख रुपए हर माह मिलेंगे। जबकि ई-ऑक्शन से करीब 70 लाख रुपए तक राजस्व हर माह मिलता। भाजपा को पता है कि एमसीडी का चुनाव अप्रैल में हार जाएंगे। इसकी वजह से खुलेआम भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने आज पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से एमसीडी यह राग अलापती आयी है कि हमारे पास पैसे नहीं है। इसलिए डॉक्टरों, नर्सों, अध्यापकों, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य की तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं। यह कई बार सामने आया है कि एमसीडी के पास पैसे की कमी इसलिए है क्योंकि तीनों एमसीडी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। भ्रष्टाचार का आज एक नमूना सामने आया है कि किस तरह से भाजपा एमसीडी के राजस्व आने के जो भी तरीके हैं, उनमें भ्रष्टाचार करती है और अपनी जेब भरती है। इसी वजह से एमसीडी के पास तनख्वाह देने के पैसे नहीं होते हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए विधायक आतिशी ने कहा कि पार्किंग के कॉन्ट्रैक्ट में घोर भ्रष्टाचार हो रहा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 4 अक्टूबर को अपनी वेबसाइट पर 65 पार्किंग लॉट्स के लिए ई-टेंडर निकाला। पार्किंग आवंटन का जो टेंडर होता है, यह बाकी किसी भी कॉन्ट्रैक्ट से अलग होता है। क्योंकि यह एक तरह का ऑक्शन होता है। जब भी कोई सरकार कुछ खरीदती है तो उसमें सबसे कम जो बोली लगाता है उसको दिया जाता है। लेकिन जब सरकार पार्किंग के अलॉटमेंट का टेंडर निकालती है तो एक न्यूनतम कीमत रखी जाती है। उस न्यूनतम कीमत से जो भी अधिकतम बोली लगाता है, वह टेंडर जीत जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि सरकार के पास ज्यादा से ज्यादा राजस्व आए। यही ऑक्शन का नियम है, जिसे हर स्तर पर राजस्व के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा को पता है कि उनके अब एमसीडी में कुछ महीने बचे हैं। उनका समय अब एमसीडी में खत्म हो रहा है। एमसीडी का चुनाव अप्रैल में हार जाएंगे तो पैसे कहां से खाएंगे। इसकी वजह से आजकल उन्होंने बिना किसी शर्म के खुलेआम भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है। 65 पार्किंग लॉट्स के ई-ऑक्शन में बिना कोई कारण बताए 9 नवंबर को बदलाव (कॉरिजेंडम) किया जाता है। पांच मुख्य जगह की पार्किंग को उस ई-ऑक्शन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता है। इनमें मानसरोवर गार्डन, अजमल खान रोड, करोल बाग, शास्त्री पार्क और ऊषा रोड की मुख्य स्थानों की पार्किंग शामिल हैं। बिना किसी कारण के कॉरिजेन्डम किया कि हम न्यूनतम रेट पर इन पार्किंग का अलॉटमेंट उन्हीं लोगों को करेंगे जो कि अभी तक इन पार्किंग को चलाते आए हैं।
उन्होंने कहा कि इससे उत्तरी दिल्ली नगर निगम को अच्छा खासा राजस्व आ सकता था। अब इनको न्यूनतम मूल्य पर आवंटित कर दिया गया है। अब एमसीडी को सिर्फ 17 लाख रुपए हर माह मिलेंगे। अगर इसका ऑक्शन होता तो तकरीबन 4 गुना तक अधिक राजस्व सरकार को मिल सकता था। इससे करीब 70 लाख रुपए तक राजस्व एमसीडी को मिलता। पांच पार्किंग को ई-ऑक्शन से बाहर करने से हर महीने एमसीडी को 50 लाख रुपए का नुकसान है।
उन्होंने कहा कि यह वही उत्तरी दिल्ली नगर निगम है जो आज अपने डॉक्टरों, नर्सों, अध्यापकों, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य को तनख्वाह नहीं दे रही है। डॉक्टर-नर्स धमकी दे रहे हैं कि अगर तनख्वाह नहीं मिली तो हड़ताल पर चले जाएंगे। जब डॉक्टर और नर्स हड़ताल पर जाएंगे तो कहेंगे कि दिल्ली सरकार ने हमें पैसे नहीं दिए, इसलिए हम तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जिस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा है, उसका पर्दाफाश हो गया है। पार्किंग एमसीडी के राजस्व का बड़ा स्रोत हो सकता है। बिना ऑक्शन प्रक्रिया के मुख्य पार्किंग को न्यूनतम रेट पर आवंटित किया जा रहा है।
विधायक आतिशी ने कहा कि इसमें नुकसान सरकारी खजाने और एमसीडी के कर्मचारियों का है। क्योंकि जब एमसीडी के पास पार्किंग, विज्ञापन, प्रॉपर्टी टैक्स से पैसा नहीं आता है और भाजपा के नेताओं-पार्षदों के जेब में जाता है तो एमसीडी तनख्वाह नहीं दे पाती है। यह स्पष्ट है कि आज के दिन में भाजपा शासित एमसीडी इतनी बेशर्म हो गई है कि वो कुछ भी छुपाने की कोशिश नहीं कर रही है। इस कॉरिजेंडम में कोई कारण देते कि इस वजह से पार्किंग का ऑक्शन नहीं कर रहे हैं। लेकिन भाजपा ने अब भ्रष्टाचार को छुपाने का भी प्रयास नहीं किया है। क्योंकि वह इतने लालायित हैं कि आने वाले चार-पांच महीने में जितना पैसा लूट सकते हैं, लूट लो। दिल्ली की जनता ने अपना मन बना लिया है कि 15 साल के कुशासन-भ्रष्टाचार के बाद इस बार एमसीडी के चुनाव में भाजपा को निकाल कर बाहर करना है।