बीते 3 महीनों से उत्तरी दिल्ली व पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शिक्षक बगैर तनख्वाह के जीने को मजबूर है। इस मामले को लेकर शिक्षकों ने कई बार उच्च अधिकारियों व संबंधित भाजपा नेताओं के आगे गुहार भी लगाई है।लेकिन अबतक उनके हाँथ कुछ नहीं लगा।
बगैर तनख्वाह के शिक्षकों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे हर ओर से सकते में हैं।किसी का मकान मालिक किराया न देने के एवज में घर खाली करने के आदेश सुना रहा है तो किसी को बैंक से EMI भरने के नोटिस पहुंच रहे हैं।ऐसे में शिक्षकों पर मुसीबतों का पहाड़ गिर चुका है।
अबतक अपनी मांगों को लेकर शिक्षक कई बार नियम मुख्यालय सिविक सेंटर के साथ साथ दिल्ली भाजपा प्रदेश कार्यालय पर भी धरना दे चुके है।इसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए आज शिक्षकों ने अपने घरों में भूख हड़ताल करने का फैसला किया है। बता दें कि वेतन,पेंशन और अन्य मांगों के लिए हजारों शिक्षक अपने अपने घरों में आज भूख हडताल पर हैं।
संयुक्त अनुसूचित जाति /जनजाति शिक्षक मंच दिल्ली एंड पीएसकेबी शिक्षक यूनियन,दिल्ली के संस्थापक रामकिशन पुनिया के अनुसार भारत सरकार के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के निर्देशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। इन सभी के विरोध में दिल्ली के हजारों SC/ST TEACHERS आज अपने घरों पर ही भूख हडताल पर हैं।
दिल्ली में निगम के हजारों शिक्षकों और सेवानिवृत शिक्षकों को चार माह से वेतन और पेंशन नहीं मिलने से उनके परिवारों में हाहाकार मचा हुआ है। विशेष रूप से उत्तरी और पूर्वी दिल्ली में कार्यरत शिक्षकों का इस समय बुरा हाल है ।उधर तंगहाली से बेहाल इन शिक्षकों को प्रतिदिन मनमाने विभागीय आदेशों से परेशान किया जा रहा है.HRA,DA,BONUS,ARREARS के तो शिक्षक केवल सपने ही देख रहे हैं।