पिछले सालों से निगम में भ्रष्टाचार के अलावा एक और चीज़ बरकरार रही है और वह है कर्मचारियों की हड़ताल – दिलीप पांडेय*
*- निगम की सारी संपत्ति बेचने के बाद भी कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं दे रही भाजपा- दिलीप पांडेय*
*- आम आदमी पार्टी निगम कर्मचारियों के साथ है और उनके हक की आवाज़ में अपनी आवाज़ शामिल कर रही है- दिलीप पांडेय*
*- 70% तनख्वाह दिल्ली सरकार से मिलने के बावजूद भाजपा शासित एमसीडी शिक्षकों को सैलरी नहीं दे रही है- विकास गोयल*
*सैलरी न मिलने के खिलाफ कल से निगम के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे*
*- कल से सफाई कर्मचारी, डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरा मेडिकल स्टाफ, हॉर्टिकल्चर के कर्मचारी, सभी शिक्षकों की आवाज़ से आवाज़ मिलाने जा रहे हैं- दिलीप पांडेय*
आप’ विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि सैलरी न मिलने के खिलाफ कल से निगम के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल करने जा रहे हैं। कल से सफाई कर्मचारी, डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरा मेडिकल स्टाफ, हॉर्टिकल्चर के कर्मचारी, सभी शिक्षकों की आवाज़ से आवाज़ मिलाने जा रहे हैं। पिछले 14 दिनों से निगम के स्कूलों के शिक्षक हड़ताल पर हैं, लेकिन भाजपा का एक नेता उनसे मिलने नहीं गया। उन्होंने कहा कि निगम की सारी संपत्ति बेचने के बाद भी भाजपा कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं दे रही है। आम आदमी पार्टी निगम कर्मचारियों के साथ है और उनके हक की आवाज़ में अपनी आवाज़ शामिल कर रही है। वहीं नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिक्षकों की 70% तनख्वाह दिल्ली सरकार देती है और एमसीडी को केवल 30% तनख्वाह देनी पड़ती है। इसके बावजूद भाजपा शासित एमसीडी शिक्षकों को सैलरी नहीं दे रही है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, विधायक और विधानसभा में चीफ व्हिप दिलीप पांडेय ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। दिलीप पांडेय ने कहा कि पिछले करीब 5-7 सालों से निगम में भ्रष्टाचार के अलावा एक और चीज़ बरकरार रही है और वह है कर्मचारियों की हड़ताल। 2018 में भी सैलरी न मिलने के कारण कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। आज फिर भाजपा शासित निगम के कर्मचारियों की हड़ताल हो रही है। निगम के 720 स्कूलों के 7000 से भी ज़्यादा शिक्षक ऑनलाइन क्लास छोड़ सैलरी के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। उनके बच्चों के पेट में रोटी का एक निवाला पहुंच सके इसलिए वह लोग हड़ताल पर हैं। किसी अनैतिक मांग को लेकर हड़ताल पर नही हैं। उनका कहना है कि पिछले तीन महीनों से दूध वाला, दवाई वाला, राशन वाला रोज़ अपने पैसे मांग रहा है, इज़्ज़त की तार-तार हुई पड़ी है, हमें हमारी मेहनत की कमाई दे दो। इस बात को लेकर वह हड़ताल पर हैं।
तीन महीने से सैलरी और 6 महीने से डीए रोक कर भाजपा शासित एमसीडी ने शिक्षकों को ही परेशान किया हुआ है। एमसीडी के अधीन काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के घर में चूल्हा नहीं जल रहा है। निगम के अस्पतालों में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्सेस को सैलरी नहीं मिल रही है। इनके हॉर्टिकल्चर वाले अपनी रोज़ी रोटी के लिए गुहार लगा रहे हैं। लेकिन भाजपा की सत्ता का अहंकार देखिए, 14 दिन हो गए हड़ताल करते हुए, उनसे कोई मिलने तक नहीं आया है।
लोकतंत्र में संवाद केंद्र के महत्व को हम सभी समझते हैं, लेकिन 14 दिन बीत गए भाजपा को इतना अहंकार है, उनके नेताओं, मेयरों और अध्यक्ष को इतना अहंकार है कि दिल्ली की सरकार को बदनाम करने वाले लोग, अपने हक की आवाज़ें उठा रहे शिक्षकों से मिलने तक का समय नहीं निकाल पा रहे। आप सोच के देखिए, जिस देश का शिक्षक अपने हक के लिए आवाज़ उठाने के लिए सड़क पर है, उस देश के छात्रों का भविष्य कैसा होगा। भाजपा ने 7000 शिक्षकों को नहीं बल्कि निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के भविष्य को अपनी गंदी राजनीति से ढक दिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक तो शिक्षकों की हड़ताल चल रही थी। कल से निगम की पूरी फेडरेशन हड़ताल की अनिश्चितकालीन संघर्ष का हिस्सा बनने जा रही है। कल से सफाई कर्मचारी, डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरा मेडिकल स्टाफ, हॉर्टिकल्चर के कर्मचारी, सभी शिक्षकों की आवाज़ से आवाज़ मिलाने जा रहे हैं। अपने हक के लिए लड़ने जा रहे हैं। इस उम्मीद से कि भाजपा के अहंकारी नेताओं के कानों में शिक्षकों की आवाज़ नहीं पहुंची तो शायद सभी की सामूहिक आवाज़ उनके कानों तक पहुंच जाए। उनका दिल पिघले, उनके घर परिवार के मान सम्मान को बचाने के लिए उनके हक की सैलरी उन्हें मिल जाए।
अगर भाजपा में निगम से बाहर जाने का डर नहीं है तो और क्या है। निगम की सारी संपत्ति बेचने के बाद भी निगम के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के घर मे चूल्हा नहीं जल रहा है। आप बताइए दिल्ली की सरकार में ऐसा कभी हुआ हो तो। यहां तक कि निगम के कई विभागों से कर्मचारियों ने लिखित में कह दिया कि हमें दिल्ली सरकार के अंतर्गत कर दो, कम से कम सैलरी तो मिलेगी।
मेरी भाजपा के नेताओं से यही आग्रह है कि इससे पहले कि दिल्ली के हालात और बिगड़े और आप फिर अपने निकम्मेपन, अपने भ्रष्ट्राचार का बम दिल्ली के ऊपर फोड़ो, इससे पहले कि सारे कर्मचारी आपके खिलाफ हो जाएं आप इनके हक की आवाज़ सुनो, इनकी तन्ख्वाह इन्हें दो। अहंकार की ऊंचाई से उतरकर अपने अधीन काम करने वाले बच्चों के बारे में सोचो, उनके परिवारों के बारे में सोचो। आम आदमी पार्टी यह सूचित करना चाहती है कि निगम के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों के हक के साथ आम आदमी पार्टी खड़ी है, उनके हक की आवाज़ में अपनी आवाज़ शामिल कर रही है। आप सभी का संघर्ष जायज़ है। सभी की आवाज़ जायज़ है। आम आदमी पार्टी के सभी पार्षद, नेता, नेता प्रतिपक्ष, और दिल्ली सरकार का पूरा संगठन आपके साथ खड़ा है और हम तबतक खड़े हैं जबतक सभी को हक की तनख्वाह नहीं मिल जाती।
नॉर्थ एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि पिछले 15 सालों से भाजपा ने जो भ्रष्टाचार और कुशासन किया है, उसके नतीजे अब खुलकर सामने आ रहे हैं। कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। ठेकेदारों को भुगतान नहीं दिया गया है। विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। अब भाजपा को पता है कि निगम से उनकी विदाई तय है। यह उसी का नतीजा है यह जानबूझकर एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं की जा रही है।
कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि शिक्षकों को जो तनख्वाह नहीं मिली है, इसके लिए हड़ताल पर बैठे हैं, मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं, उन शिक्षकों की 70% तनख्वाह दिल्ली सरकार देती है। एमसीडी को केवल 30% तनख्वाह देनी पड़ती है। इसके बावजूद भाजपा शासित एमसीडी शिक्षकों को सैलरी नहीं दे रही है। इन शिक्षकों को सैलरी नहीं देकर भाजपा, एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों का भविष्य खराब कर रही है। कहीं ना कहीं उसके पीछे साजिश नजर आती है कि इसी तरह यह बच्चों की स्कूल छोड़ दें जिससे वह लोग स्कूलों की जमीनों को भी बेच सकें। यह बात मैं ऐसे ही नहीं कह रहा। मैं आपको बता दूं कि भाजपा पहले ही एमसीडी के 34 स्कूल बेच चुकी है यह बोलकर कि हमारे पास बच्चे नहीं हैं, स्कूल खाली हैं।